सुभारती मेडिकल कॉलेज देहरादून ने ग़लत दस्तावेजों से NMC को दर्शाई जमीन । राज्य सरकार में हुई दर्ज ।

Action Against Education Mafia

सुभारती मेडिकल कॉलेज देहरादून ने ग़लत दस्तावेजों से NMC को दर्शाई जमीन । राज्य सरकार में हुई दर्ज ।

सुभारती पर एक बड़ा एक्शन हुआ है सुभारती एमटीवीटी के नाम से कथित ट्रस्ट ने एमबीबीएस की अनुमति लेने की लिए अपने जिन खसरा नंबर और रजिस्ट्रियों को एनएमसी एवं राज्य सरकार को भेजा था, उसमें भारी अनियमितताएं पाई गई और राज्य सरकार ने कागजों में मेडिकल कॉलेज के लिए दर्शायी गई जमीन को धारा 166/167 के अंतर्गत राज्य सरकार में दर्ज कर दिया है अर्थात्त अब यह जमीन राज्य सरकार की हो गई है ।
देखें आदेश जो ऑनलाइल सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध है ।
यही जमीन जगह जगह कौंसिल्स को दिखाई गयी और फर्जीवाडा किया गया जिसको उत्तराखंड सरकार के दिल्ली में महा अधिवक्ता जे के सेठी ने प्रमाणित एवं पुष्टि किया है
अब यह तथ्य एनएमसी की जानकारी में आ गया है और सुभारती का अनुमति लेते समय दिया गया शपथ पत्र झूठा साबित हो गया है जिसमे उन्होंने किसी भी सम्पति के न विवादित या मानको को पूरा होने के बारे में दिया है अर्थात् पहले दिन से ही झूठ के आधार पर कागजो में हेरफेरी और जालसाज़ी करके सिर्फ़ शपथ पत्र के आधार पर बिना एनएमसी निरीक्षण के अनुमति ली गई थी जो अब निरस्त होने जा रही है ।
सुभारती पर संकट के बादल : 
Accused Yashwardhan Rastogi of subhrati scam
YAHWARDHAN RASTOGI NAME WAS ALSO ALLEGED IN SWARNIMA OIL MILLS INVESTORS COMPLAINT TO SEBI (SECURITY EXCHANGE BOARD)
ज्ञात हो कि एमटीवीटी ट्रस्ट के नाम राजस्व अभिलेखों में कोई भी भूखंड नहीं है जिसकी पुष्टि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय एवं जिलाधिकारी देहरादून की संयुक्त कमेटी एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव सहित शासन ने भी कर दी है और बिना जमीन नाम हुए फर्जीवाड़ा करके एनएमसी और  भारत सरकार को गुमराह कर एमबीबीएस और राज्य सरकार से निजी यूनिवर्सिटी की अनुमति ले ली ।
सुभारती की जमीन राज्य सरकार में दर्ज होने की यह पहली कवायद है और कमिश्नर गढ़वाल की लैंड फ्रॉड कमेटी की सही जांच होने पर पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ जाएगा और समस्त कॉलेज और यूनिवर्सिटी राज्य सरकार में दर्ज हो जाएगी ।
बता दे कि वर्तमान सुभारती संचालको अतुल भटनागर एवं यशवर्धन रस्तोगी ने इसके असली स्वामियों से कॉलेज एवं जमीन सिर्फ संचालन (बेचने हेतु नहीं ) और देखरेख के लिए लिया था और उसके बदले बैंक ऋण का भुगतान करना था जो नहीं किया और जो चेक इसके बदले  एग्रीमेंट में दिए थे वो बाउंस हो गए हैं और एग्रीमेंट फेल हो गया । इसलिए पूरी संपति,कॉलेज यूनिवर्सिटी विवादित है और मामले न्यायलयों में लंबित है और जैसे जैसे मामला समझ  आता जा रहा है तो सुभारती की सारी अनुमति धीरे धीरे समस्त केंद्रीय अथॉरिटी निरस्त करती जा रही है ।  https://www.indiannursingcouncil.org/uploads/pdf/ListOfNursingReport_31122024.pdf
(Nursing course) name not shown now
{B.ed not granted}
सूत्रो के अनुसार राज्य सरकार इतना  बड़ा भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा के चलते शीघ्र ही यहाँ ताला जड़ सकती है ।
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