देश के बाघों के लिए खतरा बने आवारा कुत्ते, जानिए वजह
रामनगर,VON NEWS: आवार कुत्ते अब बाघों के लिए खतरा बन गए हैं। ऐसे में देश के बाघों व अन्य वन्य जीवों को कुत्तों से खतरे की आशंका जताते हुए एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) दिल्ली ने सभी 50 टाइगर रिजर्व के लिए गाइड लाइन जारी की है। गाइड लाइन में आवारा कुत्तों को जंगल में जाने से रोकने के लिए उन्हें पकड़ने व उनके बंध्याकरण जैसे आवश्यक कदम नियमानुसार उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
देश में वर्ष 2018 में की गई अखिल भारतीय स्तर की बाघ गणना के लिए टाइगर रिजर्व में कैमरे ट्रैप लगाए गए थे। इन कैमरों में आए डाटा का जब विश्लेषण किया गया तो कई टाइगर रिजर्व के जंगलों में आवारा कुत्तों की तस्वीर आई थी। कुत्तों के इस तरह जंगल में आवाजाही को एनटीसीए ने बाघों के लिए खतरे की आशंका जताई है।
इसे रोकने के लिए एनटीसीए ने गाइड लाइन जारी की है। गाइड लाइन में कहा गया है कि कुत्तों से फैलने वाला कैनाइन डिसटेंपर नामक वायरस बाघों व तमाम वन्य जीवों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कुत्तों से वन्य जीवों तक बीमारी पहुंच सकती है।
देश के एक टाइगर रिजर्व में पूर्व में मेडिकल परीक्षण में एक बाघ की मौत कैनाइन डिस्टेंपर वायरस से होने की बात सामने आई थी। एनटीसीए ने वायरस से बाघों व तमाम वन्य जीवों के सरंक्षण पर असर पडऩे की आशंका जताई है। एनटीसीए की ओर से सभी राज्यों के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को गाइडलाइन भेजी गई है।
इसमें कहा गया है कि आवारा कुत्तों का जंगल में प्रवेश रोका जाए। जंगल से लगे आबादी क्षेत्रों में पशुपालन विभाग व वन्य जीवों के संरक्षण को काम कर रहे संगठनों के सहयोग से कुत्तों के टीकाकरण व उनके जंगल में प्रवेश रोकने के लि, काम किया जाए। इसके लिए टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर को जिम्मेदारी दी गई।