मैक्स लाईफ इंश्योरेंस के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले राष्ट्रीय गिरोह के दो और सदस्यों एसटीएफ उत्तराखंड ने किया दिल्ली से गिरप्तार।
मैक्स लाईफ इंश्योरेंस के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले राष्ट्रीय गिरोह के दो और सदस्यों एसटीएफ उत्तराखंड ने किया दिल्ली से गिरप्तार।
मैक्स लाईफ इंश्योरेंस के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले राष्ट्रीय गिरोह के दो और सदस्यों एसटीएफ ने किया दिल्ली से गिरप्तार।
गैंग दिल्ली और बिहार से संचालित इस गिरोह के सदस्यों ने पाॅलिसी और निवेश के नाम पर पुरे देशभर में की गयी है, 1.30 करोड़ की ठगी।एसटीएफ ने पकड़े गये अभियुक्तों से 03 मोबाइल फोन, 07 सिम कार्ड्स 03 डेबिट कार्ड, कई फर्जी आधार कार्ड और बैंक एकाउन्टस को किया गया बरामद।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायतकर्ता विनोद कुमारी बंसल द्वारा दर्ज किये गये प्रकरण में अज्ञात अभियुक्तो द्वारा स्वंय को मैक्स लाईफ इन्सोरेन्स कम्पनी से बताते हुए शिकायतकर्ता से विभिन्न नम्बरों से सम्पर्क कर पोलिसी में समस्या बताते हुए उक्त समस्या को ठीक करने हेतु बैंक डिटेल प्राप्त कर पैसो की मांग की गयी और पाॅलीसी के “Tendor” में इन्वेस्ट कर लाभ कमाने का लालच देकर 95,10,900 रुपये (पचानब्बे लाख दस हजार नौ सौ रूपये) की धनराशि धोखे से प्राप्त कर ली गयी। इस शिकायत पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 28/22 धारा 420 भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग दर्ज कर विवेचना की जा रही है। विवेचना के दौरान अब तक इस प्रकरण में मुख्य अभियुक्त मनीष पाल पुत्र मदन लाल एवं राहुल पाण्डे पुत्र साधू प्रसाद पाण्डे निवासीगण निहाल विहार पश्चिमि दिल्ली को गिरप्तार किया जा चुका था। अब पुनः इस विवेचना में शामिल पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से विवेचना में डिजीटली और मैनुअली इस गिरोह के सदस्यों की जानकारी करते हुये दो औरं अभियुक्तों को दिल्ली से गिरफ्तार कर अभियोग से सम्बन्धित 03 अदद मोबाईल फोन 07 सिम कार्ड 03 डेबिट कार्ड बरामद किये गये। इसके अलावा पकड़े गये अभियुक्तों सेे एसटीएफ द्वारा काफी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड और बैंक एकाउन्ट की बरामदगी की गयी जिनका उपयोग इस गिरोह द्वारा लोगों से ठगी कर प्राप्त रकम को ठिकाने लगाने के लिये किया जाता था। गिरफ्तार आरोपियों का विवरण विभिन्न राज्य पुलिस के साथ साझा किया जा रहा है और इससे पूरे भारत में कई बीमा पुलिस धोखाधड़ी को हल करने में मदद मिलेगी।
अपराध का तरीकाः- साईबर पीड़ित महिला द्वारा अपने प्रथम सूचना विवरण के माध्यम से अवगत कराया कि उनके द्वारा वर्ष 2017 में 10 वर्ष की मैक्स लाईफ इन्सोरेन्स पोलिसी खरीदी गयी , जिसकी मैच्यूरिटी वर्ष 2027 में पूर्ण होनी थी। इसी दौरान वर्ष 2022 में शिकायतकर्ता को अज्ञात नम्बर द्वारा कॉल किया गया जिसमें उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा स्वंय को मैक्स लाईफ इन्सोरेन्स से बताया व पोलिसी में कुछ समस्या होने पर किसी कारण उक्त पोलिसी को रोक दिया गया है और वह इस समस्या को हल करने में मदद कर सकता है तथा साथ ही यह भी बताया गया कि उसकी बीमा कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों से जान पहचान हैं जिसके लिये कुछ पैसे लगेंगे जिस पर उसके द्वारा दिये गये खाते में पैसे स्थानान्तरित किये गये। जिसके उपरान्त कुछ दिनो पश्चात उक्त व्यक्ति द्वारा पुनः शिकायतकर्ता को अन्य नम्बरों से कॉल करते हुए समस्या हल होने की बात कही गयी व बीमा कम्पनी के पैसा का भुगतान हो गया है। जिसके पश्चात उक्त व्यक्ति द्वारा सुनियोजित तरीके से पोलिसी की धनराशि को निवेश करने के नाम पर धनराशि का तीन गुना लाभ कमाने का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी की गयी।
गिरफ्तार अभियुक्तः-
1-मकसूद आलम पुत्र रोशन अली निवासी निवासी ग्राम मानिकपुर पोस्ट ठाकुरगंज जिला किशनगंज बिहार ।
2- जुनैद आलम पुत्र दिल मौहम्द निवासी ग्राम खेलाबिट्टा पोस्ट ठाकुरगंज जिला किशनगंज बिहार ।
बरामदगीः-
1- 03 मोबाइल फोन 07 सिम कार्ड (घटना मे प्रयुक्त
2- आधार कार्ड 02 (अभियुक्त का)
3- एटीएम कार्ड 03 अदद
पुलिस टीमः-
1- निरीक्षक श्री देवेन्द्र नबियाल
2- उ0नि0 आशीष गुसाँई
3- अपर उप निरीक्षक मनोज बेनिवाल
4- कानि0 सोहन बडोनी
आयुष अग्रवाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरोध्फर्जी साइटध्धनराशि दोगुना करने व ऑनलाईन बिजली के बिल का भुगतान करने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन भुगतान करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।