स्मार्ट सिटी पर बड़ा खुलासा/जनता के लिए ही अभिशाप ? दो अधिकारीयो को दो- दो मलाईदार विभाग


देहरादून : जबसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आया है तबसे ही विवादों में घिरा रहा है और जो भी अधिकारी इसमें आये वो जल्दी ही यहाँ के झंझट से बच कर जाते दिखे सिर्फ ” वो ” ही ” खास ” यहाँ बैठे है जो पहले दिन से इसको “बनाने” , “समझाने ” और इससे कैसे ” क्या ” हो सकता है, विराजमान है
आइये आज आप सबको बताते है कि जिस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर आये दिन हो हल्ला मचा रहता है उसकी हकीकत क्या है ?

असल में स्मार्ट सिटी एक कंपनी बनाई गयी है जिसका नाम देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड है जिसका कंपनी रेजिस्ट्रेशन नम्बर U45309UR2017SGC008127 है तथा जिसकी ऑथोराइज़्ड केपिटल 1 अरब रूपये है तथा पेड अप कैपिटल 40 लाख रुपये है जिसके पंजीकृत डायरेक्टर अनिल कुमार है और यही अनिल कुमार उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड कम्पनी के भी मैनेजिंग डायरेक्टर है तथा उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन के भी मैनेजिंग डायरेक्टर है (आज के सरकारी डाटा यानी MCA ) https://www.zaubacorp.com/company/DEHRADUN-SMART-CITY-LIMITED/U45309UR2017SGC008127वेबसाइट के अनुसार तथा आज कि तिथि में इसकी सीईओ देहरादून कि डीएम सोनिका है जिन्हे MDDA उपाध्यक्ष का कार्यभार दिया हुआ है यानी डीएम , MDDA VC और स्मार्ट सिटी सीईओ है

अब आपको बताते है कि इस देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड कम्पनी का काम देहरादून में :-
1.स्मार्ट स्कूल
2.पानी के एटीएम PPP मोड पर देना
3.कलेक्ट्रट को इ कलेक्ट्रट बनाना
4.राष्ट्रीय झंडे यानी मॉनूमेन्टल नेशनल फ्लेग लगाना
5.इंट्रीगेटेड कमांड सेंटर कि स्थापना करना ( CCTV )
6.पानी कि सप्लाई यानी ऑग्मेंटिशन एंड स्मार्ट वाटर मीटर लगाना
7.स्मार्ट टॉइलट लगाना
8.मॉडर्न दून लाइब्रेरी बनाना
9.पल्टन बाजार पेडेलस्टाइज़ेशन
10.स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट
11.स्मार्ट वाटर मॅनॅग्मेंट यानी स्काडा यानी के श्रोत बढ़ाना
(supervisory control and data ) जिसकीकीमत (COST TO DSCL ) हो
12.इलेक्ट्रिक बस प्रोजेक्ट
13.स्मार्ट पोल जो कि PPP मोड में दिए जायेंगे
13.ड्रेनेज का एन्ड टू एन्ड कनेक्टिविटी( PWD ) के माध्यम से
14.परेड ग्राउंड का कायाकल्प
15.स्मार्ट पानी के वाहन
16.स्मार्ट वेस्ट वाहन
17.सीवरेज कि व्यवस्था
18.ग्रीन बिल्डिंग
19.ट्री प्लांटेशन
20.बच्चो के लिए क्रेच भवन
21.पल्टन बाजार में फसाट लगाकर सौन्दर्यकरण
ये ऊपर लिखे क्रमसंख्या 1 से 21 तक के कार्य सम्पादित होने तथा किये जाने है


पहला खुलासा
:

अब आपको बताते है कि कमांड सेंटर में क्या हुआ ?
जी हां…. आज यदि आपके किसी निकट कि कोई चेन खिंच
कर भाग जाये या कोई दुर्धटना हो जाये तो या आपको किसी कारण सड़क कि किसी घटना का वीडियो चाहिए हो तो कमांड सेंटर उसको देने से मना कर देता है और कहता है कि कमांड सेंटर देहरादून स्मार्ट सिटी के अंडर में है आप वह से RTI लगा कर लीजिये

अब जब स्मार्ट सिटी में RTI लगाई

जाती है तो स्मार्ट सिटी उत्तर देता है कि RTI कि ” यह निजता का हनन है ” और RTI कि “धारा 8 ( 3 ) “के अंतर्गत आता है

जब स्मार्ट सिटी कि इस RTI कि अपील दायर कि गयी और उनको बताया गया कि जनाब यह निजी कम्पनी नहीं है यह पब्लिक लिमिटेड कम्पनी है और पब्लिक लिमिटेड यानी यह कंपनी जनता के दिए टैक्स आदि पैसो से ही बनी है और पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में कुछ छुपाया नहीं जा सकता और वैसे भी CCTV तो जनता कि सहूलियत के लिए बने है तो स्मार्ट सिटी के अपीलीय अधिकारी ADM देहरादून ने कई बार अपील का समय तय होने के बाद अपील सुनी और अपने अधिकारी को मौखिक तौर पर कहा कि दे दो परन्तु आज कि तिथि तक RTI का जवाब नहीं दिया गया

दरअसल सूत्रों के हवाले से पता चला है कि स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर में बैकेंड सर्वर है ही नहीं और वहां से 6 महीने से पुराना डाटा निकल ही नहीं सकता दूसरी बात यह है कि कमांड सेंटर में कितना खर्चा हुआ और किस किस वेंडर को काम दिया और कितने कैमरे लगे यह स्मार्ट सिटी वाले बताने को तैयार नहीं है कमांड सेंटर का मैन्युअल क्या है इसमें क्या क्या होगा आदि आदि कुछ बताने को तैयार ही नहीं है उल्टा RTI लगाने वाले से स्मार्ट सिटी वाले पूछते है इससे जनता का क्या हित है ? अरे इन लोगो को कोई यह बताये कि ये इनकी बपौती नहीं है जनता के पैसा का है हर टैक्स भरने वाले व्यक्ति को यह जानने का अधिकार है कि सरकार द्वारा उसके भरे टैक्स के पैसे का कहा सदुपयोग कर रही है ? और हम तो लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है और हमारा काम ही यह है कि भ्रष्टाचार को उठाना और जनता को बताना और जांच बैठवाना जिससे जनता के पैसे कि चोरी और दुरूपयोग न हो इन सब जवाबो को पढ़ कर आप सब भी जान जायेंगे कि यानी दाल में कुछ काला जरूरी है……यदि सब सही है तो पारदर्शिता से जवाब क्यों नहीं दिया गया? क्या ये जनता के टैक्स आदि के रूप में वसूलने के बाद बनाई गयी कम्पनी ये अधिकारी अपनी समझने लगे कि ये जो चाहेंगे वो करेंगे ?

जनता मांगे अपने पैसे का हिसाब ?? देना पड़ेगा नहीं तो MCA कि वेबसाइट पर ऑडिट रिपोर्ट निकल कर खुलासा करेंगे

अब आपको बताते है कि इस देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कौन कौन से काम किस किस को दिए
देखिये पूरी लिस्ट :

अब अब अगला बड़ा खुलासा आगे होगा कि इन कम्पनियो ने आगे किस किस को काम दिया और क्या क्या खेल इसमें हुआ वो आपको बताएँगे जल्दी ही………….सिर्फ वॉयस ऑफ़ नेशन पर

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