मिलनसार मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जनता से मिलने मोटरसाइकिल खुद ही चला कर निकल पड़े ।
चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उप चुनाव को लेकर अब चंपावत उत्तराखंड की सत्ता की चाबी बन रहा है। 31 मई को हो रहे उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनावी मैदान में है और जैसा की पूर्वानुमान है कि कल मंगलवार को चंपावत में उपचुनाव में धामी के पक्ष आम जन का रुख क्या है ,यह बताने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री जिस विधान सभा से होता है उसकी तो विकास में बल्ले बल्ले रहती ही है ।
सीएम धामी यहां लगातार जनसभाएं कर लोगों से समर्थन जुटा रहे हैं उनके साथ कंधे से कंधा मिलाए पूर्व विधायक गहतोड़ी खड़े दिखते है जिन्होंने मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ी है और आज चुनाव से एक दिन पहले वह समर्थकों के साथ प्रचार में मोटरसाइकिल रैली सहित पूरी ताकत झोंकने पहुंचे हैं।
चंपावत उपचुनाव से एक दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी पूरे जोर शोर के साथ चुनाव प्रचार के लिए उतरे। सोमवार को वह समर्थकों के साथ बाइक पर डोर टू डोर प्रचार करने निकले। जनता की बीच बैठकर उन्होंने प्रमुख चौक जगन्नाथ चौराहा स्थित महादेव की दुकान में चाय पर चर्चा भी की
हालंकि उपचुनाव के नतीजे को लेकर खास संशय नहीं है लेकिन भाजपा की सारी कोशिश इससे आगे की है। उसका लक्ष्य इस चुनाव में इतिहास रचने का है।
31 मई को चंपावत दूसरी बार मतदान करेगा चंपावत
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए 15 फरवरी को हुए मतदान के 106 दिन बाद 31 मई को चंपावत दूसरी बार मतदान करेगा। इसमें 46042 महिला और 50171 पुरुषों समेत कुल 96213 मतदाता वोट डालेंगे। लगातार दो बार इस सीट को जीत चुकी भाजपा उपचुनाव जीत तिकड़ी बनाने के लिए उत्सुक है। पांच बार कांग्रेस से प्रत्याशी रहे दो बार के विधायक हेमेश खर्कवाल के बजाय कांग्रेस ने पहली बार महिला प्रत्याशी को मैदान में उतार कांग्रेस ने महिला कार्ड खेलने का प्रयास किया है । हालांकि कांग्रेस ने गहतोड़ी नाम का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की है जिससे उसकी उम्मीदवार को वोट मिले ।
3 जून को वोटों की गिनती के साथ आयेगा चुनाव परिणाम
वहीं सीएम धामी के चंपावत से प्रत्याशी होने से तीन बदलाव साफ हुए हैं। भाजपा की धड़ेबाजी खत्म हुई, कांग्रेस के पांच दिग्गज नेताओं सहित ढेरों पदाधिकारियों की दलीय निष्ठा बदल गई और सबसे बढ़कर आम लोगों का बदला नजरिया। लोग इस चुनाव को मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र बनने से विकास की आस संजोए हैं। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि आम लोग इस वीआईपी सीट के जरिये भविष्य को लेकर संजोए सपने को हाथ से नहीं जाने देना चाहते। उपचुनाव में इतिहास रचने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही भाजपा का प्रयास फरवरी में हुई वोटिंग (65.99 प्रतिशत) के लिए लोगों को बूथों तक लाने का है।