वैज्ञानिकों ने दी घातक बीमारी की चेतावनी, जानें आखिर क्या है रोग

नई दिल्ली,VON NEWS: साल 1976 में इबोला वायरस की खोज करने में मदद करने वाले वैज्ञानिक ने एक एक अज्ञात संख्या में नए घातक वायरस की चेतावनी दी है। ये नए वायरस मानव जाती के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं, इनमें से एक रोग ‘x’ भी है।
प्रोफेसर जीन-जाक मुएम्बे टामफम ने कहा, “हम अब एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां नए रोगजनक निकल कर आएंगे। प्रोफेसर मुएम्बे ने साल 1976 में इबोला वायरस की खोज में मदद की थी, उन्होंने आगे कहा, ‘और यही मानवता के लिए एक बड़ा ख़तरा है’।
मुएम्बे का ये बयान उस वक्त आया जब एक मरीज़ एक ऐसे रोगजनक से संक्रमित हो गया जिसकी अभी तक कोई पहचान नहीं हुई है, लेकिन उसके लक्षण इबोला वायरस की तरह हैं।
डेमोक्रेटिक रिब्लिक ऑफ द कॉन्गो के एक दूरस्थ शहर में पिछले महीने एक महिला में रक्तस्रावी बुखार के शुरुआती लक्षण दिखने शुरू हुए थे। इबोला और इसी तरह के लक्षणों वाली अन्य बीमारियों के लिए उस महीला के नमूनों का परीक्षण किया गया था। जांच में सभी टेस्ट के नतीजे नेगेटिव आए, जिसकी वजह से महिला की बीमारी अब रहस्यमयी बन गई है।
वैज्ञानिक ऐसा मान रहे हैं कि वह महिला रोग ‘X’ की पहली मरीज़ है, जो इस नए रोगजनक से संक्रमित हुई है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इबोला के 50 से 90 प्रतिशत घातक रेट के साथ रोग ‘X’ कोविड-19 से ज़्यादा संक्रामक हो सकता है।
आपात स्थिति में रिसर्च और विकास में तेज़ी लाने के लिए साल 2018 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वैश्विक योजना प्रकाशित की। जिसके ‘2018 आर एंड डी’ ब्लूप्रिंट में रोग ‘x’ भी शामिल था।
2018 के आर एंड डी ब्लूप्रिंट ने आर एंड डी के लिए नौ बीमारियों को प्राथमिकता दी जिसमें, कोविड-19, crimean-congo रक्तस्रावी बुखार, इबोला वायरस से होने वाली बीमारियां, मारबर्ग वायरस बीमारी,
लासा ज्वर, मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV) और गंभीर तीक्ष्ण श्वसन लक्षण (SARS), निपाह और हेनीपावायरल बीमारी, रिफ्ट वैली बुखार, ज़ीका और अब सबसे नया रोग ‘X’ शामिल हैं। इन सभी बीमारियों के लिए न तो कोई प्रभावी दवाई है और न ही वैक्सीन।
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिज़ीज़ के डायरेक्टर डॉ. एंथनी फॉकी ने बताया कि यहां ‘X’ का मतलब है, अप्रत्याशित है।
WHO ने कहा कि यह इस बात का प्रतिनिधित्व करता है कि एक रोगज़नक़ के कारण एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी आने वाले कल में फैल सकती है, जिसके बारे में मानवजाति को अभी तक कोई जानकारी नहीं है।

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