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इतने फर्जीवाड़े के खुलासे हो रहे तो इस मेडिकल कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी का यह सच लैंड फ्रॉड कमिटी को क्यों नहीं दिख रहा ?  गढ़वाल कमिश्नर लिख चुके है 2 रिमांइडर जिलाधिकारी को ।

इतने फर्जीवाड़े के खुलासे हो रहे तो इस मेडिकल कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी का यह सच लैंड फ्रॉड कमिटी को क्यों नहीं दिख रहा ?  गढ़वाल कमिश्नर लिख चुके है 2 रिमांइडर जिलाधिकारी को ।

इतने फर्जीवाड़े के खुलासे हो रहे तो इस मेडिकल कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी का यह सच लैंड फ्रॉड कमिटी को क्यों नहीं दिख रहा ?  गढ़वाल कमिश्नर लिख चुके है 2 रिमांइडर जिलाधिकारी को ।

देहरादून : जहां एक और पुष्कर धामी की धाकड़ नीति ईमानदारी से कार्य कर कर रही  है और बड़े – बड़े खुलासे कर रही है वहीं दूसरी ओर एक ऐसा बहुत बड़ा फर्जीवाड़े का मामला गौतम बुद्ध मेडिकल कॉलेज एवं  सुभारती एम टी वी टी ट्रस्ट झाजरा, देहरादून का  पिछले साल सितंबर 2022 से मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल एवं 5 मई  2023 से कमिश्नर गढ़वाल मंडल के आदेश से जिलाधिकारी,देहरादून के यहां भी लंबित है जबकि एक सप्ताह बाद लैंड फ्रॉड समिति की बैठक भी संभावित है ।
मुख्यमंत्री पोर्टल की स्तिथि
CM Portal Complaint Proof
देखिए कमिश्नर गढ़वाल के आदेश :
Garhwal Commishner orders
Commissioner Garhwal First Order
 
Commissioner Garhwal Reminder 2
देखिए लैंड फ्राड समिति के पास इस कॉलेज से संबंधित लंबित शिकायत का एक सबूत : 
 इस रजिस्ट्री में फिलिप नाम का आदमी कोई और है
इस रजिस्ट्री में फिलिप नाम का आदमी कोई और है (सब सबूत कमिश्नर गढ़वाल के आदेश के साथ संग्लग्न है )
इस रजिस्ट्री में तरसेम नाम का आदमी ही बदल गया
यहाँ तरसेम अलग नाम का आदमी अलग है
जबकि असलियत में तरसेम सिंह नामक व्यक्ति एक सिख है और बेहरीन
इसके अलावा विनोद वियोगी नामक व्यक्ति उत्तराखंड से बाहर रहते है और उनकी फर्जी पावर ऑफ़ अटॉर्नी बनाकर रजिस्ट्री की गयी
इसमें एक ही नाम के 2 अलग अलग  फोटो है यानी दस्तावेजों में फोटो अलग – अलग है पर नाम एक ही है, दूसरा अलग व्यक्ति इस फोटो दिख रहा  है  जिसकी दो अलग -अलग फोटो है, इसको खड़ा करके जगत नारायण सुभारती ट्रस्ट के अतुल भटनागर,यशवर्धन रस्तोगी आदि  ने रजिस्ट्री करवाई  यानी की जमीन की शुरुवात से आज तक सब रजिस्ट्री जाली हो गई । यही नहीं जितने  भी विनिमय और अदला बदली दिखाई गई सब भूमि सरकारी या गोल्डन फॉरेस्ट की है मिलीभगत करके एसडीएम विकासनगर के यहां  से विनियमतिकरण आदेश हुआ और बाद निरस्त हो गया और पहले आदेश से भूमि खसरा खतौनी में  चढ़ गईं पर दूसरे  निरस्त वाले आदेश को छुपा लिया गया और निरस्त वाले आदेश से खसरा खतौनी निरस्त नही हुई और अदला बदली दिखा कर  हेर – फेर  करके विनिमय के आदेश लेकर रजिस्ट्री की गई और बाद में  झाजरा   का रिकॉर्ड भी गायब होने की खबर मीडिया में आई ।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने एडीएम को विपरीत प्रयोजन करने पर 167 में निहित करने तथा एसएसपी देहरादून को एफ आई आर करने के आदेश दिए जो ठंडे बस्ते में है ।
देखिए मंत्री के आदेश :
सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल में सितंबर 2022 से आज तक तथा कमिश्नर गढ़वाल के आदेश मई 2023 के बाद भी अब तक कार्यवाही क्यो नही हुई ? और अरुणेंद्र सिंह चौहान ने यह सब तथ्य मुख्य सचिव द्वारा बनाई गयी जांच समिति में क्यों नहीं लिए जबकि सब प्रमाण शपथ पत्र के साथ दिए गए थे 
वहीं आज विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि सुभारती वाले कॉलेज बेच कर भागने की तैयारी कर है जबकि उनके नाम कुछ हैं ही नहीं, सब कब्जा किया हुआ या फर्जीवाड़ा करके इस प्रकार करवाई गई रजिस्ट्री है जिसकी पुष्टि निदेशक ,चिकित्सा शिक्षा एवं सचिव ,चिकित्सा शिक्षा के इन पत्रों से भी होती है ।
आने वाले दिनों में वॉयस ऑफ़ नेशन 2021 – 22 बैच के एडमिशन में किये गए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करेगा
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