रुड़की : 2020 में जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के समाधान पर हुई चर्चा

रुड़की, VON NEWS:  आइआइटी रुड़की”  में आयोजित रुड़की वाटर कॉन्क्लेव-2020 (आरडब्ल्यूसी) के दूसरे दिन भी अलग-अलग सत्रों में जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन, बाढ़ एवं सूखे से निपटने के तरीकों आदि पर विशेषज्ञों ने विचार रखे। साथ ही नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत संस्थान के मल्टी एक्टीविटी सेंटर में लगाई गई राष्ट्रीय मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के कार्यों की प्रदर्शनी का भी प्रतिभागियों ने अवलोकन किया।

आइआइटी रुड़की और राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (एनआइएच) रुड़की के सहयोग से ‘जल विज्ञान के परिपेक्ष्य में जलवायु परिवर्तन का स्वरूप’ थीम पर तीन दिवसीय रुड़की वाटर कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। कॉन्क्लेव के दूसरे दिन गुरुवार को आइआइटी रुड़की के मल्टी एक्टीविटी सेंटर में प्लेनरी सेशन के तहत कीनोट स्पीकर ने थीम पर आधारित व्याख्यान दिए।

प्रो. निकोला ने ईको सिस्टम  को ध्यान में रखते हुए विकास करने और पानी में रहने वाली प्रजातियों को भविष्य में खतरा न हो, इस बात पर जोर दिया। के. वोरा ने भारत सरकार की ओर से जल प्रबंधन के क्षेत्र में संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इनके अलावा प्रो. राव एस गोविंददाराजू, प्रो. युताका, प्रो. रघु, प्रो. पीट लेंस, प्रो. सुनील के सिंहा, डॉ. मालिनी सरकार, डॉ. एके सिक्का आदि ने भी व्याख्यान दिए। वहीं तकनीकी सत्र में ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट, फ्लड्स एंड इट्स मैनेजमेंट, रीवर डायनमिक एंड हाइड्रोलिक स्क्ट्रचर, ड्राउट्स एंड इट्स मैनेजमेंट आदि विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर एचआइएच रुड़की के निदेशक डॉ. शरद कुमार जैन, प्रो. आशीष पांडेय, प्रो. संजय कंसल, डॉ. एलएन ठकराल समेत देश-विदेश से आए प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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