पाईन निडिल से बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय काम किया!

VON NEWS: चीड़ को राज्य में वनाग्नि का प्रमुख कारण माना जाता रहा है। हरित ऊर्जा में नवाचारी पहल करते हुए इस वर्ष सौर ऊर्जा और पाईन निडिल से बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय काम किया गया। सौर ऊर्जा नीति के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। अभी तक कुल 276 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। जबकि अन्य आवंटित 203 मेगवाट क्षमता की परियोजनाओं में कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई है जिसमें 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा ऐसी अनूठी पहल की गई जिससे पिरूल अब अभिशाप नहीं, वरदान बन जाएगा। पाईन निडिल एवं अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति-2018 के अंतर्गत वर्तमान में 06 परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन गतिमान है।

उत्तरकाशी में 25 लाख लागत की पिरूल से विद्युत उत्पादन की 25 केवी क्षमता की परियोजना प्रारंभ की। इस योजना से जंगल में लगने वाली आग से होने वाले नुकसान पर भी काफी हद तक नियंत्रण हो गया है। वन महकमा  वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह व मान्यता प्राप्त संस्था, व्यक्ति विशेष आदि के माध्यम से वन क्षेत्र में पिरूल एकत्र करने पर दो रुपये प्रति किलो भुगतान करेगा।  प्रदेश के सभी जनपदों में 1-1 ग्राम को ऊर्जा दक्ष ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। देहरादून में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन किया गया।

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