अब स्थायी रूप से बंद होगा 144 साल पुराना लंदन का ट्रेडिंग हॉल ‘द रिंग’, ये है वजह..

VON NEWS: विश्वभर में धातुओं के बेंचमार्क प्राइस तय करने वाला लंदन मेटल एक्सचेंज (London Metal Exchange) का ओपन ट्रेडिंग फ्लोर द रिंग हमेशा के लिए बंद होने जा रहा है। यह हॉल 144 साल पुराना है। 144 सालों से इसमें तांबा, जिंक और एल्युमीनियम जैसी धातुओं के भाव तय होते आ रहे हैं। इस दौरान ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे कईं बार आधुनिक बनाया गया। लंदन मेटल एक्सचेंज सबसे बड़ी कमोडिटी मेटल एक्सचेंज में से एक है।

कोरोना की वजह से किया गया बंद

मालूम हो कि लंदन मेटल एक्सचेंज दुनिया में अपने किस्म का अकेला ट्रेडिंग फ्लोर बचा था, जहां आमने-सामने शोर मचाकर और हाथ के इशारों से सौदे किए जाते थे। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए पहले लॉकडाउन के दौरान यह ट्रेडिंग हॉल बंद किया गया था और इस बंद को अब लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) स्थायी बनाने जा रहा है। तांबा, जिंक और एल्युमीनियम का रेट यहां से तय होते थे।

साल 1877 में हुई थी स्थापना

इसके बाद धातुओं की ट्रेडिंग अब केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से होगी। इसकी जानकारी एलएमई के मैनेजमेंट ने मंगलवार को सदस्यों को दी। लंदन मेटल एक्सचेंज के इस ट्रेडिंग हॉल की स्थापना 1877 में हुई थी और तब से ही यहां ट्रेडिंग जारी थी। ट्रेडिंग के दौरान हॉल में रखे लाल रंग के सोफे पर लगातार बैठा रहना जरूरी होता था। लंदन मेटल एक्सचेंज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मैथ्यू चेम्बरलेन ने बताया कि आप रिंग को प्यार किए बिना एलएमई पर काम नहीं कर सकते। यह हमारे इतिहास और हमारी संस्कृति का एक बड़ा हिस्सा रहा है। लेकिन अब इंडस्ट्री आगे बढ़ चुकी है और हमें भी आगे बढ़ना होगा।

 

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