अब प्ले स्कूल चलाना अब आसान नहीं, सरकार ने कसा शिकंजा, जानें

चंडीगढ़,VON NEWS: हरियाणा में प्ले स्कूल चलाना अब आसान नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने प्ले स्कूलों के लिए नई शर्तें लागू कर दी है। अब ऐसे स्‍कूलों के लिए 970 गज क्षेत्र का होना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले से चल रहे प्ले स्कूलों को जमीन की शर्त पूरी करने के लिए छह महीने की मोहलत मिली है। महिला एवं बाल विकास के फैसले से प्ले स्कूल संचालकों में हड़कंप की स्थिति है। इसके साथ ही कुछ अन्‍य शर्तें लगाई गई हैं।

पहले से संचालित स्कूलों को शर्त पूरी करने के लिए मिली छह महीने की मोहलत

प्रदेश में फिलहाल छह हजार प्ले स्कूल चल रहे हैं। बड़ी संख्या में प्ले स्कूल ऐसे हैं जो छोटे भवनों में चल रहे हैं। जमीन के संशोधित मापदंडों के चलते आधे से अधिक प्ले स्कूलों के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। नियमानुसार एक कक्षा में 20 से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जा सकेगा। तीन साल से कम उम्र के बच्चों के दाखिले पर प्रतिबंध लगाया गया है। हर कक्षा में एक शिक्षक की तैनाती के अलावा बच्चों को आराम करने के लिए एक रेस्ट रूम और खेलने के लिए अलग से जगह की व्यवस्था करनी होगी।

तीन साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं मिल सकेगा प्ले स्कूलों में दाखिला

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने महिला एवं बाल विकास विभाग के आदेश पर सवाल उठाया है। उन्‍होंने कहा कि करीब प्ले स्कूल के लिए करीब एक हजार गज जमीन की शर्त का पालन करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। प्राइमरी एग्जिस्टिंग स्कूल खोलने के लिए 350 वर्ग मीटर जमीन और प्ले स्कूल के लिए एक हजार गज भूमि का नियम बनाने से ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी सरकार के बेसिक एजुकेशन के प्रोजेक्ट प्रदेश में लागू नहीं होना देने चाहते हैं। एनसीआर सहित बड़े शहरों में कोई भी व्यक्ति करोड़ों रुपये की जमीन खरीदकर प्ले स्कूल खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा। उन्होंने कहा कि इस नियम को तुरंत वापस लिया जाए।

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