अब सीमा पार रुपये भेजना होगा आसान, US डालर की भी कम होगी निर्भरता; भारत और UAE के बीच हुआ बड़ा समझौता

भारत अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन को बढ़ावा दे रहा है। इसी कड़ी में अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और यूएई के सेंट्रल बैंक के बीच यूपीआई सिस्टम और कार्ड भुगतान को जोड़ने के लिए बड़ा समझौता हुआ है। इस समझौते से अब दोनों देशों के लोगों को सीमा पार रुपये भेजने में आसानी होगी

क्या है समझौता ज्ञापन का उद्देश्य?

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने पर समझौता ज्ञापन का उद्देश्य द्विपक्षीय रूप से INR और AED के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली ( Local Currency Settlement System) स्थापित करना है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि एमओयू सभी चालू खाता लेनदेन और अनुमत पूंजी खाता लेनदेन को कवर करता है। आरबीआई ने कहा,

भारत और यूएई के केंद्रीय बैंकों के बीच इन मुद्दों पर बनी सहमति

स्थानीय मुद्राओं का उपयोग लेनदेन लागत और लेनदेन के निपटान समय को अनुकूलित करेगा, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीयों के द्वारा भेजी गई रकम भी शामिल है। ‘पेमेंट्स एंड मैसेजिंग सिस्टम्स’ पर उपक्रम के संबंध में, आरबीआई ने कहा,

UPI और IPP के लिंकेज से क्या फायदा होगा?

आरबीआई ने कहा कि यूपीआई-आईपीपी लिंकेज किसी भी देश में उपयोगकर्ताओं को तेज़, सुविधाजनक, सुरक्षित और लागत प्रभावी सीमा पार रुपये ट्रांसफर करने में सक्षम बनाएगा। इसके अलावा, कार्ड स्विचों को जोड़ने से घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और कार्ड लेनदेन के प्रसंस्करण में सुविधा होगी। मैसेजिंग सिस्टम के लिंकेज का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वित्तीय मैसेजिंग को सुविधाजनक बनाना है।

पीएम मोदी की उपस्थिति में हुआ समझौता

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि भारत के पीएम मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की उपस्थिति में दोनों गवर्नरों के बीच समझौतों का आदान-प्रदान किया गया।

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