योगेश हत्याकांड मामले में दोषियों को उम्रकैद,

नैनीताल,VON NEWS  : प्रथम अपर सत्र “न्यायाधीश विनोद कुमार”  की कोर्ट ने हल्द्वानी में छह साल पहले हुए व्यापारी योगेश हत्याकांड में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि में से 80 हजार रुपये मृतक की पत्नी को प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे। दो दिन पहले कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था, जिसके बाद एक अभियुक्त ने जज को अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली थी।

बिजनेस में फरेब बना हत्‍या की वजह

अभियोजन के अनुसार, 20 जुलाई 2014 कोहल्द्वानी” में कारोबारी योगेश गुप्ता की पड़ोसी संदीप जायसवाल निवासी बरेली रोड व राहुल राठौर निवासी रुद्रपुर ने तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने उसी दिन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपितों ने पूछताछ में बताया था कि मृतक का कुमाऊं में खाद्यान्न आपूर्ति का टेंडर था। उनका एक ट्रक संदीप जायसवाल ने ले लिया था और कहा था कि फायदे की रकम बराबर बांट लेंगे, मगर एक साल बाद संदीप ने न कोई पैसा दिया और न ही ट्रक लौटाया। बाद में पता चला कि अभियुक्तों ने उनका फर्जी इकरारनामा बना लिया था।

केस वापस न लेने के कारण कर दी थी हत्‍या

इस मामले में 31 मई 2014 को जुगल किशोर ने संदीप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चार्जशीट दाखिल की गई तो आरोपितों ने जुगल किशोर व योगेश से रिपोर्ट वापस लेने को कहा। इस मामले में 20 दिसंबर 2016 संदीप जायसवाल को तीन साल का कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा हुई थी। इस सजा के बाद संदीप ने राहुल के साथ मिलकर योगेश की हत्या कर दी।

फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट व कॉल डिटेल पर सजा

दो गवाहों के पक्षद्रोही घोषित होने के बाद भी डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट और मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपितों का अपराध साबित कर दिया। दो दिन पहले प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था। बुधवार को दोनों को धारा-302 के तहत उम्रकैद व 50-50 रुपये हजार जुर्माना, अर्थदंड नहीं देने पर दो-दो साल का अतिरिक्त कारावास, आर्म्‍स एक्ट के तहत पांच-पांच साल कैद व 20-20 हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा नहीं करने पर एक-एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।

योगेश हत्याकांड मामले में दोषियों को उम्रकैद, 40 हजार जुर्माना भी लगाया nainital newsअभियोजन ने की थी फांसी की मांग, अदालत सहमत नहीं  “न्यायिक अफसर”  को मिली धमकी को देखते हुए बुधवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अभियुक्तों को कोर्ट लाया गया। सजा पर बहस करते हुए डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि अभियुक्त आपराधिक किस्म के हैं। उन्होंने योगेश के सिर में गोली मारकर हत्या की। वह परिवार का मुखिया था। अभियुक्त ने पीठासीन अधिकारी को धमकी देकर संपूर्ण न्याय व्यवस्था को चुनौती दी है। इसके लिए डीजीसी ने अभियुक्तों को फांसी के साथ ही अधिकतम दंड की सजा देने की मांग की, मगर अदालत ने अपने आदेश में कहा कि न्यायालय अभियोजन के मृत्युदंड की याचना के तर्क सहमत नहीं है। विधि का सिद्धांत है कि मृत्युदंड की सजा केवल विरल से विरलतम मामलों की श्रेणी में आने वाले अपराध में ही दी जा सकती है। अभियुक्तों का अपराध उक्त श्रेणी में नहीं है।

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