कल हुए छात्रों पर लाठी चार्ज के बाद इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज इसके अतिरिक्त 4000 अज्ञात भी है । जिलाधिकारी को हटाने की मांग ।
भ्रष्टाचार की चरम सीमा : छात्रों पर लाठी चार्ज बिना मजिस्ट्रेट ऑर्डर के हो ही नही सकता । मनमर्जी करने वाली जिलाधिकारी देहरादून को हटाया जाए । मनीष वर्मा, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग,अति पिछड़ा वर्ग एवम दलित शोषित संस्थान,उत्तराखंड
देहरादून : सरकार की व्यव्स्था के खिलाफ आंदोलन करना या अपने हक की आवाज उठाना सबके लिए भारत के संविधान में जायज है ,परंतु आंदोलन कर रहे युवा पीढ़ी, देश के भविष्य के कर्णधार और अपनी मांगो के लिए आव्हान कर रहे छात्रों एवं युवा पीढ़ी पर लाठी चार्ज करवाना बेहद ही नाजायज है , सबसे पहले इस विषय में गंभीर तथ्य है कि जब घंटाघर पर लाठी चार्ज हुआ तो सैकड़ों लोग,महिलाए,बच्चे पलटन बाजार में थे और जब लाठी चार्ज में भगदड़ मची तो किसी की जान भी जा सकती थी क्योंकि सब कुछ एकदम हुआ और ऐसे में कुछ भी संभव था,जिसका किंचित भी संज्ञान जिला अधिकारी सोनिका मीणा ने नही लिया । पूरा नाम इसलिए लिखना जरूरी हुआ यह बताना उचित होगा कि यह अधिकारी राजस्थान मूल निवासी है और ये उत्तराखण्डियों के दर्द को क्या जानेगी ?
दूसरा यह कि जब कैंट रोड पर लाठी चार्ज हुआ तो उसके बाद आहत हुए युवा पीढ़ी द्वारा पथराव की स्तिथि पैदा हुई जिसका जिम्मेवार कौन ही यह जानना जरूरी है ।
हालांकि एसएसपी देहरादून ने मामले को सुलझाने का काफी प्रयास भी किया और उन्होंने लाठी चार्ज के आदेश अंत तक नही दिए तो सवाल यह उठता है किसने लाठी चार्ज के आदेश और किसके निर्देश पर दिए ।
अब उक्त सब होने के बाद जिला प्रशासन के हाथ पांव फूले हुए है कि गलती का ठीकरा किस पर फोड़े ?
आम जनमानस का मानना है कि जबसे जिलाधिकारी सोनिका मीणा को देहरादून का पदभार दिया है तबसे उनके द्वारा मनमाने निर्णय लिए गए है और जनता के बीच आक्रोश बढ़ा है और ऐसा ही चलता रहा तो मुख्यमंत्री धामी के लिए आगे की राह कठिन हो सकती है क्योंकि उत्तराखंड की राजनीति राजधानी, देहरादून से ही चलती है ।
बरहाल आम जनमानस का मानना है कि छात्रों पर लाठी चार्ज और आंदोलन को गंभीरता से न लेना आदि सारी जिम्मेदारी जिला अधिकारी,देहरादून सोनिका मीणा की है क्योंकि वही जिले की प्रमुख है और सभी सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिक पार्टियों ने उन्हें इसका जिम्मेदार माना है ।
धारा 307,332,353,147,186,341,188,427,34,आईपीसी 3/4 लोक संपत्ति अधिनियम,तथा 7 सम्पत्ति लॉ अधिनियम के तहत निम्न पर मुकदमे दर्ज किए गए है :
मनीष वर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया है कि वे भी एक युवा है और उन्होंने भी छात्र जीवन में कई आंदोलन देखे है इसलिए छात्रों की मांग का मिलबैठ कर सौहार्दपूर्ण तरीके से निबटारा किया जा सकता है परंतु दिक्कत तब आई जब कोई जिम्मेदार अधिकारी/सरकार का प्रतिनिधि सुनने को या बात करने की राह ही नही देता तो ऐसी स्तिथि आती है और वे मुख्यमंत्री कार्यालय में इसका सुधार करें और छात्रों पर दर्ज मुकदमें वापस ले ।