सोशल मीडिया पर फिर शुरू हुआ खालिस्‍तान का समर्थन

रुद्रपुर,VON NEWS : पंजाब व मेरठ के बाद ऊधमसिंह नगर में भी सोशल मीडिया पर नए सिरे से खालिस्तान समर्थन शुरू हुआ है। फरवरी 2020 के पहले सप्ताह में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। बाजपुर के युवा अभियान में सक्रिय मिले। इस बीच पुलिस ने सक्रिय सदस्य को काउंसलिंग कर छोड़ दिया। अभी उसपर नजर रखी जा रही है। वर्ष 2018 में पुलिस और खुफिया विभाग ने खटीमा में खालिस्तान समर्थन में चल रहे वाट्सएप ग्रुप का खुलासा करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सितारगंज, किच्छा, रुद्रपुर, दिनेशपुर, बाजपुर में छह युवकों को पकड़ा। इन मामलों के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अभी राहत की सांस ली ही थी कि बाजपुर में भी समर्थन की बात सामने आई है।

रखी जा रही युवक पर नजर

सोशल मीडिया में खालिस्तान के समर्थन की जांच हुई तो एक युवक सक्रिय रूप से ‘राज करेगा खालिस्तान’ ग्रुप से जुड़ा मिला। पूछताछ में उसने बताया कि भूल से ग्रुप में जुड़ गया था। इस पर उससे माफीनामा लिखवाकर काउंसङ्क्षलग की गई।

ऊधमसिंह नगर में है खास सक्रियता

  • 2018 में खालिस्तान समर्थन में विदेशी वाट्सएप ग्रुप चलाने में दो युवक गिरफ्तार।
  • 2018 में बाजपुर में सोशल मीडिया पर खालिस्तान का समर्थन करने वाला युवक चिह्नित।
  • सितंबर 2018 में रुद्रपुर में फेसबुक पर खालिस्तान के समर्थन में पोस्ट टैग करने पर वृद्ध को चेतावनी।
  • 21 जनवरी 2019 को सितारगंज में एक धार्मिक स्थल पर ङ्क्षभडरवाले के परिजनों के पहुंचने की सूचना वायरल।
  • 26 फरवरी 2019 को दिनेशपुर में सोशल मीडिया में खालिस्तान समर्थन में पोस्ट टैग करने वाला युवक चिह्नित
  • सात जून 2019 को दिनेशपुर में भिंडरवाले की टी शर्ट पहले युवक से माफीनामा लिखाया गया।
  • 14 जुलाई 2019 को रुद्रपुर में भिंडरवाले से संबंधित टी शर्ट पहनकर घूम रहे युवक की फोटो वायरल
  • खुफिया विभाग रख रहा नजर

बरिंदरजीत सिंह, एसएसपी, यूएसनगर ने बताया कि सोशल मीडिया में चल रहे खालिस्तान समर्थन ग्रुप के सक्रिय सदस्यों की गतिविधि पर पुलिस और खुफिया विभाग की नजर है। ऐसे लोगों के चिह्नित होने पर पहले उनकी काउंसलिंग कराई जाती है। इसके बाद जरूरत के अनुसार डोजियर भी तैयार किया जाता है।

क्‍या है खालिस्‍तान आंदोलन

खालिस्‍तान आतंकी पंजाब प्रांत को भारत से काटकर अलग देश बनाने का सपना देखते हैं। जरनैल सिंह भिंडरावाला ने इस आंदोलन को मजबूत किया था। भिंडार वाला सिखों के पांच अकाल तख्‍तों में एक दमदमी टकसाल अध्‍यक्ष था। वह बेहद कट्टरवादी था। अपने समर्थकों में प्रभाव ऐसा कि मात्र कहने भर से लोग शराब और सिगरेट छोड़ दिया करते थे। वह संत था, बात में प्रभाव था, लेकिन खालिस्‍तान बनाने की जिद ने भिंडरावाला के मन से अंजाम का खौफ निकला दिया था। 1947 में जन्मा भिंडरावाला हमेशा पारंपरिक सिख पोशाक ही पहना करता था।

ऑपरेशन ब्‍लू स्‍टार में मारा गया था भिंडारवाला

भिंडारवाला और उसके समर्थकों ने 1984 में स्‍वर्ण मंदिर पर कब्‍जा कर लिया था। दो जून 1984 को तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आल इंडिया रेडियो से देश को संबोधित किया और आतंकवादियों से हथियार छोड़ देने की अपील की। इंदिरा के ऐलान के बाद 3 जून को सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू कर दिया। कुछ समय इंतजार करने के बाद सेना ने 5 जून की रात को निर्णायक कार्रवाई की, जिसमें जरनैल सिंह भिंडरावाला मारा गया। ऑपरेशन ब्‍लू स्‍टार में लगभग 200 आतंकी मारे गए थे, जबकि सेना के 79 जवानों की भी जान चली गई थी।

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