शौर्य गाथा : कारगिल दिवस 25 जुलाई को यह रहेंगे कार्यक्रम : देखे जी.ओ
कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के वीरों ने अपने अदम्य साहस की जो इबारत लिखी वह भारतीय सेना के इतिहास का गौरवशाली हिस्सा है। कारगिल में टोलोलिंग पर्वत चोटी से लेकर द्रास सेक्टर तक दुश्मनों को जड़ से उखाड़ने में उत्तराखंड के वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।
उत्तराखंड जहाँ एक ओर सैन्य बाहुल्य प्रदेश है तो दूसरी ओर यहाँ सेना में भर्ती होना जीविकोपार्जन ही नहीं बल्कि त्याग,बलिदान और गौरव की परंपरा रही है तथा वर्ष 1999 पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन से लड़ते हुए यहाँ के वीर सैनिको ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन को मार भगाया था ,इस युद्ध में उत्तराखंड के 75 वीर सैनिको ने अपने प्राणो की आहुति दी थी और इस जोश और साहस को आने वाली पीढ़िया याद रखे और इस भावना को अपने ह्रदय में आत्मसार कर सके । इसलिए उत्तराखंड सरकार प्रत्येक वर्ष 25 जुलाई को विजय के रूप में “कारगिल शौर्य दिवस ” में मानती है। इसके अलावा पूरे देश में भी केंद्र सरकार द्वारा यह आयोजन किया जाता है
कारगिल एक ऐसा दुर्गम युद्धक्षेत्र जहां भारतीय वीरों ने वर्ष 1999 में अपनी जान की बाजी लगाकर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ा था। शरीर गलाने वाली बर्फ के बीच रणबांकुरों के शौर्य के सामने पाकिस्तानी घुसपैठिये टिक नहीं पाए।
कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के वीरों ने अपने अदम्य साहस की जो इबारत लिखी वह भारतीय सेना के इतिहास का गौरवशाली हिस्सा है। कारगिल में टोलोलिंग पर्वत चोटी से लेकर द्रास सेक्टर तक दुश्मनों को जड़ से उखाड़ने में उत्तराखंड के वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।
2 राजपूताना रायफल के मेजर विवेक गुप्ता के नेतृत्व में 12 जून की रात को टोलोलिंग चोटी को फ तह के लिए कंपनी रवाना हुई। ऊंचाई पर बैठे दुश्मन ने हमला किया, जिसमें मेजर गुप्ता को दो गोलियां लगीं, लेकिन घायल होने के बावजूद मेजर गुप्ता ने तीन दुश्मनों को ढेर कर बंकर पर कब्जा किया। मेजर गुप्ता को मरणोंपरांत युद्ध में दूसरा सर्वश्रेष्ठ वीरता पदक महावीर चक्र से अलंकृत किया गया।
कारगिल युद्ध में जिलावार शहीद :
देहरादून 14
अल्मोड़ा 3
बागेश्वर 3
चमोली 7
लैंसडौन 10
नैनीताल 5
पौड़ी 3
पिथौरागढ़ 4
रुद्रप्रयाग 3
टिहरी 11
ऊधमसिंह नगर 2
उत्तरकाशी 1
किस रेजीमेंट के कितने शहीद –
गढ़वाल राइफल्स 54
नागा रेजिमेंट 19
कुमाऊं रेजीमेंट 12
पैरा रेजीमेंट 9
गोरखा रायफल्स 3
पांच विकास 3
इंजीनियिरंग 2
महार रेजीमेंट 1
गार्डस रेजीमेंट 1
आरआर 1
राजपूताना राइफल्स 1
एयरफोर्स 1
जे एंड रेजीमेंट 1
लद्दाख स्काउट 1
कारगिल एक ऐसा दुर्गम युद्धक्षेत्र जहां भारतीय वीरों ने वर्ष 1999 में अपनी जान की बाजी लगाकर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ा था। शरीर गलाने वाली बर्फ के बीच रणबांकुरों के शौर्य के सामने पाकिस्तानी घुसपैठिये टिक नहीं पाए।
15 हजार फिट पर किया कब्जा
चार्ली टीम ने मार गिराए पांच घुसपैठिये
गढ़वाल राइफल्स का दम
नागा रेजिमेंट ने भी दी शहादत
6 और 7 जुलाई को कारगिल में टूईन बंप पर 2 नागा रेजीमेंट के सिपाही कैलाश कुमार, सिपाही राजेश गुरुंग, सिपाही संजय गुरुंग, नायक देवेंद्र सिंह ने चढ़ाई के दौरान दु्श्मन की आर्टिलरी बमबारी के बीच बंप फ तह करने में प्राण न्यौछावर किए। नायक देवेंद्र को वीरता के लिए मेंशन इन डिस्पैच से अलंकृत किया गया।
” कारगिल शौर्य दिवस ” Vijay Diwas पर सरकार क्या कार्यक्रम रखती है आइये उस पर एक नज़र डाले। देखिये इस सम्बन्ध में पूर्व से जारी शाशनादेश :