बिजली महंगी करने के बजाय अपने खर्च कम करे :

देहरादून,VON NEWS: वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए विद्युत दरों में दिए गए बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को लेकर आई आपत्तियों पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने सुनवाई की। जिसमें किसानों और आम उपभोक्ताओं ने कहा कि यूपीसीएल विद्युत दरों को बढ़ाने के बजाय लाइन लॉस कम करने के साथ विभाग के खर्चो में कटौती करे। करीब पांच घंटे तक चली सुनवाई में सभी ने ऊर्जा प्रदेश होने के बावजूद राज्य में बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी को अनुचित बताया। यूपीसीएल, पिटकुल और एसएलडीसी ने यूईआरसी को प्रदेश में बिजली की दरों में 13.31 फीसद तक बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया है। यूईआरसी ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया तो विद्युत उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट करीब 42 पैसे का अतिरिक्त भार पड़ेगा

आइएसबीटी स्थित यूईआरसी के मुख्यालय में कार्यवाहक अध्यक्ष एवं सदस्य विधि डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन ने विद्युत दरों को लेकर आई 32 आपत्तियों पर सुनवाई की। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता संजय चौधरी ने कहा कि किसानों को मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए। यूपीसीएल उन उद्योग-धंधों की बिजली दरों में इजाफा करें, जो मोटा मुनाफा कमाती हैं। वरिष्ठ नागरिक केएल सुन्द्रियाल ने एक से चार किलोवाट तक के उपभोक्ताओं पर अधिभार न लगाने को कहा। राजेंद्र चौधरी ने इस पर आपत्ति जताई कि जब प्रति यूनिट उत्पादन लागत 1.30 रुपये है तो किसानों को इससे तीन से चार गुना कीमत पर बिजली क्यों दी जा रही है।

यूपीसीएल के एमडी बोले 

उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लि. (यूपीसीएल) के प्रबंधन निदेशक बीसीके मिश्रा ने कहा कि जो प्रस्तावित दरें दी गई हैं, वह न्यूनतम हैं। किसानों को अभी भी कम दर पर बिजली दी जा रही है। लाइन लॉस कम करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। खर्चे कम करने की बात है तो इस ओर भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों और आम उपभोक्ताओं से अपील की कि समय से विद्युत बिल का भुगतान करें। इससे उन्हें अधिभार का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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