आपदा में लापता हुए लोगों को मृत घोषित करने के लिए सरकार ने जारी की अधिसूचना!
VON NEWS: ऋषिगंगा की आपदा के बाद से तपोवन सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने का कार्य जारी है। हालांकि बार-बार सुरंग में हो रहा पानी का रिसाव में बाधा पैदा कर रहा है।
विगत सात फरवरी को चमोली जिले में आई आपदा में लापता हुए लोगों को मृत घोषित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब लापता लोगों की परिजनों को मुआवजा मिलने में आसानी हो सकेगी।
वहीं आज सोमवार को चमोली जिले में आई आपदा का 16वां दिन है और सात फरवरी को ऋषिगंगा में आई आपदा के बाद से तपोवन सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने का कार्य जारी है। हालांकि बार-बार सुरंग में हो रहा पानी का रिसाव में बाधा पैदा कर रहा है। वहीं एनडीआरएफ का कहना है कि सुरंग में 171 मीटर तक खोदाई हो चुकी है।
रविवार को बैराज साइट से दो शव और सुरंग से एक शव बरामद किए गए हैं। सभी शवों की शिनाख्त कर ली गई है। अब तक 68 शव और 28 मानव अंग बरामद हुए हैं, जबकि 136 लोग अभी भी लापता हैं। तपोवन में सुरंग और बैराज साइट लापता लोगों को ढूंढने का कार्य लगातार जारी है।
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यहां एनडीआरएफ के जवानों का लापता लोगों को ढूंढने के लिए विभिन्न स्थानों पर अभियान जारी है। रैणी में भी ऋषि गंगा के दोनों ओर मलबे में लापता की खोजबीन की जा रही है। तपोवन सुरंग से पानी का रिसाव लगातार जारी है, जिससे मलबा हटाने का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। पानी की निकासी के लिए तीन पंप मशीनें लगाई गई हैं।
‘एनटीपीसी के खिलाफ हो मुकदमा दर्ज’
भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने आपदा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के चलते हुई सैकड़ों लोगों की मौत की जिम्मेदारी तय करते हुए पुलिस से एनटीपीसी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में माले के गढ़वाल सचिव ने कहा कि आपदा के बाद किए गए रेस्क्यू और सर्च अभियान में प्रशासन और एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी सामने आ रही है।
उन्होंने एनटीपीसी की तर्ज पर ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में मारे गए लोगों को भी मुआवजा दिए जाने, मुआवजे की राशि 50 लाख करने और पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने की मांग उठाई है। इस मौके पर राज्य कमेटी सदस्य अतुल सती भी मौजूद थे।