सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए शिक्षा में समान पाठ्यक्रम आवश्यक

लखनऊ, VON NEWS: उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों को चमकाने के लिए पहली बार सीएसआर कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है। बुधवार से राजधानी लखनऊ में शुरू हो रहे इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार- मिशन प्रेरणा एवं सीएसआर कॉन्क्लेव का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीप प्रज्वलित कर किया। साथ ही बुनियादी शिक्षा में सुधार एवं समग्र विकास तथा ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ से संबंधित जानकारियों के प्रचार-प्रसार हेतु एलईडी वैन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित इस कानक्लेव में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा व बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के अलावा नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार, गूगल व माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के आला अधिकारी और काफी संख्या में शिक्षक भी मौजूद हैं।

मिशन प्रेरणा‘ में लर्निंग आउटकम और सपोर्टिव सुपरविजन की व्यवस्था की गई है। इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले शिक्षाग्रहियों को मुख्यमंत्री ने सम्‍मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार और सीएसआर कॉन्क्लेव के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षा से अनुराग रखने वाले महानुभाव व शिक्षा जगत के भाइयों-बहनों को मैं बेसिक शिक्षा परिषद को इस कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं देता हूं।सीएसआर कानक्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि पिछले तीन वर्षों में हमारी सरकार ने जो भी बेसिक शिक्षा के लिए किया है उसका निचोड़ इस सेमिनार के माध्यम से सामने आ रहा है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े एक लाख 58 हजार विद्यालयों के बुनियादी विकास की दृष्टि से आपरेशन कायाकल्प योजना को शुरू की गई थी। आपरेशन कायाकल्प योजना के तहत पिछले तीन वर्ष के दौरान सरकार अब तक 92 हजार विद्यालयों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा चुके हैं, जिनका बहुत पहले ध्यान दिया जाना चाहिए थामुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि सामाजिक विषमता को यदि दूर करना है तो एक समान पाठ्यक्रम होना आवश्यक है। शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी को समान अवसर मिलना चाहिए। समान पाठ्यक्रम लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए ही प्रदेश में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रॉक्सी शिक्षक व्यवस्था खत्म होगी तब शिक्षा व्यवस्था सुधरने लगेगी। जब शिक्षक स्कूल जाने लगेगा और बच्चों को पढ़ाने लगेगा तो बच्चा अपने आप ही तैयार हो जाएगा, लेकिन शिक्षक ही स्कूल नहीं जाएगा तो शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधरेगी। एक शिक्षक को सर्वज्ञ होना चाहिए। हमारी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षकों की ऐसी श्रृंखला होनी चाहिए, जिससे वे अपने सामने आने वाली चुनौतियों से भागने की बजाए उनसे जूझने के लिए तैयार हो सकें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि एक शिक्षक सरकारी नौकर नहीं हो सकता है। वह राष्ट्र का भाग्य विधाता होता है। एक शिक्षक को अपने आगे आचार्य चाणक्य का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने आप को तैयार करना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने भारत को तत्कालीन विश्व की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया। देश को स्वर्णयुग में पहुंचाने वाले आचार्य चाणक्य का भाव एक शिक्षक का आदर्श होना चाहिए। समाज की चुनौतियों और आवश्यकताओं के प्रति अगर हम खड़े नहीं हो सकते तो हम अपने प्रति, अपने पेशे के प्रति, वर्तमान और भावी पीढ़ियों के प्रति भी अन्याय कर रहे होंगे।

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