देहरादून तहसील में ना तो सर्वे नायाब तहसीलदार है और ना नायब तहसीलदार जनता और वकील परेशान है सेंकड़ों फाइल्स पेंडिंग ।

देहरादून तहसील में ना तो सर्वे नायाब तहसीलदार है और ना नायब तहसीलदार जनता और वकील परेशान है सेंकड़ों फाइल्स पेंडिंग ।
जनता त्रस्त तो कौन मस्त ? 
सर्वे नायब तहसीलदार का न होना या उनकी अनुपस्थिति की वजह से होने वाली प्रमुख परेशानियां:
  • काम में देरी:नायब तहसीलदार राजस्व कार्यों के संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। उनके न होने से भूमि से जुड़े सर्वेक्षण, नामांतरण और अन्य दस्तावेज़ों से संबंधित काम धीमा पड़ सकता है या रुक सकता है। 
  • राजस्व संग्रह में बाधा:राजस्व संग्रह और उसकी देखरेख का काम नायब तहसीलदार का होता है। उनकी अनुपस्थिति में राजस्व वसूली और बकाए की वसूली रुक सकती है, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
  • भूमि संबंधी विवादों का निपटारा न होना:भूमि से जुड़े विभिन्न विवादों और शिकायतों का निपटारा करने में नायब तहसीलदार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनकी अनुपस्थिति में इन मामलों पर सुनवाई और निर्णय लेने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। 
  • तहसीलदार पर अधिक बोझ:नायब तहसीलदार, तहसीलदार के अधीन काम करते हैं। उनके न होने से तहसीलदार पर पहले से ही अधिक काम का बोझ आ जाता है, जिससे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को भी करने में बाधा आ सकती है।
  • अदालती और प्रशासनिक कार्य बाधित:नायब तहसीलदार सहायक कलेक्टर ग्रेड के रूप में भी कार्य करते हैं। उनके न होने से अदालती और प्रशासनिक कार्य, जैसे आदेश जारी करना या अन्य विधिक प्रक्रियाएँ, प्रभावित हो सकती हैं। 
  • जनता को परेशानी:भूमि संबंधी कार्यों के लिए जनता को इधर-उधर भटकना पड़ सकता है और उन्हें अपने काम पूरा करने के लिए अधिक समय तक इंतजार करना पड़ सकता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है। 
संक्षेप में, नायब तहसीलदार की अनुपस्थिति तहसील के प्रभावी कामकाज को प्रभावित करती है, जिससे सरकारी राजस्व और नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं पर नकारात्मक असर पड़ता है।
नायब तहसीलदार का न होना तहसील से जुड़े काम

, जैसे भूमि अभिलेखों का रखरखाव, शपथपत्रों का प्रशासन, और राजस्व वसूली, में बाधा डाल सकता है, क्योंकि नायब तहसीलदार तहसीलदार के नीचे राजस्व प्रभारी का काम करता है और कई बार सहायक कलेक्टर के अधिकारों का प्रयोग भी करता है. इस स्थिति में, संबंधित व्यक्ति काम के लिए तहसीलदार या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर सकता है और लिखित शिकायत भी दर्ज करा सकता है. 

नायब तहसीलदार के कार्य और उनके न होने की समस्या
  • भूमि अभिलेखों का रखरखाव:नायब तहसीलदार भूमि स्वामित्व, भूमि मानचित्रों और संपत्ति मूल्यांकन जैसे सटीक भूमि अभिलेखों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं. उनके न होने पर इन अभिलेखों को अपडेट करने में देरी या समस्या हो सकती है. 
  • राजस्व वसूली:वे राजस्व संग्रह और देखरेख का कार्य करते हैं. जब वे उपलब्ध नहीं होते हैं, तो राजस्व वसूली से जुड़े कामों में रुकावट आ सकती है. 
  • शपथपत्र और प्रशासनिक कार्य:वे कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में शपथपत्रों और शपथों का प्रशासन भी करते हैं. 
क्या करें जब नायब तहसीलदार उपलब्ध न हो?
  • सीधे तहसीलदार से संपर्क करें:चूंकि नायब तहसीलदार, तहसीलदार के अधीन काम करता है, इसलिए आप सीधे तहसीलदार से संपर्क कर सकते हैं और अपनी समस्या बता सकते हैं.
  • लिखित शिकायत दर्ज करें:यदि कोई रिश्वत मांगता है या आपको किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप सीधे तहसीलदार को फ़ोन कर सकते है ।
  • राजस्व विभाग में शिकायत:अगर इससे भी काम नहीं बनता है, तो आप अपनी शिकायत की एक प्रति राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को भेजकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर सकते हैं,

अधिवक्ता पूरण सिंह नेगी के अनुसार प्रशासन को उक्त समस्या का समाधान शीघ्र करना चाहिए जिससे जनसमस्याओं का निवारण हो सके ।

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