लेटर बॉक्स हुआ स्मार्ट, खुद रख रहा चिट्ठी का हिसाब, पढ़ें खास खबर…

VON NEWS: तेजी से आए तकनीकी बदलाव और सोशल मीडिया ने चिट्ठी भेजने के प्रचलन पर गहरा असर डाला है। अब पोस्टकार्ड या अंतरदेशीय पत्र जैसे नाम सिर्फ बीती यादें बनकर रह गए हैं। रुड़की शहर और देहात में लगे लेटर बॉक्स भी अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच चुके हैं। इन लेटर बॉक्स को अस्तित्व में लाने के लिए विभाग ने नई योजना शुरू की है। नई योजना के तहत सभी लेटर बॉक्स पर बार कोड लगाया गया है। बार कोड के जरिए ही लेटर बॉक्स खुलेंगे और बॉक्स में डाली जाने वाली चिट्ठियों पर पोस्ट ऑफिस से नजर रहेगी।

एक साल से शहर के सभी बॉक्सों में बार कोड सिस्टम चल रहा है। डाक विभाग ने डिजीटल इंडिया की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्ट्राग्राम, ट्विटर में गुम होती जा रही चिट्ठियों की दुनिया को बचाने के लिए यह पहल शुरू की है। इसके लिए विभाग ने तकनीकी योजना बनाई है। विभाग ने लेटर बॉक्स में अति सुरक्षित बार कोड लगाया है। इसके लिए पोस्टमैन के मोबाइल में एक एप डाउनलोड कराया गया है। एप के जरिए पोस्टमैन लेटर बॉक्स खोल पाएंगे। पोस्टमैन जैसे ही एप से बार कोड स्कैन करेगा उसे तुरंत लेटर बॉक्स में पड़ी चिट्ठियों की संख्या का पता चल जाएगा।

इसके अलावा सभी लेटर बॉक्स को सीधा मुख्य डाकघर से भी जोड़ा गया है। पोस्टमैन के लेटर बॉक्स को खोलते ही पूरा रिकार्ड डाकघर पहुंच जाएगा। इससे अधिकारी यह भी जान सकेंगे कि कौन सा बॉक्स किस समय खुला है और कौन सा बॉक्स खुला नहीं है। साथ ही विभाग की सभी लेटर बॉक्स पर सीधी नजर रहेगी। कोई गड़बड़ी होगी तो तुरंत विभाग को पता चलेगा और उसे सही कर दिया जाएगा। सभी लेटर बॉक्स को नई तकनीकी से जुड़ने से कर्मचारियों की लापरवाही पर भी अधिकारियों की सीधी नजर होगी।

पहले ऐसा होता था कि कर्मचारी लेटर बॉक्स से चिट्ठी निकालने में लापरवाही करते थे। महीनों तक वह लेटर बॉक्स से चिट्ठी नहीं निकालते थे, जिससे चिट्ठी या पोस्ट कार्ड भेजने वालों का विभाग से भरोसा उठने लगा था। इसलिए उन्होंने निजी कंपनियों की ओर रुख कर लिया था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब अधिकारियों की सीधी कर्मचारियों पर नजर रहेगी कि वह लेटर बॉक्स से चिट्ठी लेने गए थे या नहीं। शहर के सभी लेटर बॉक्स पर प्रेरक संदेश अंकित किए गए हैं। लेटर बॉक्स पर स्वच्छ भारत मिशन, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, पर्यावरण संबंधी प्रेरक संदेश अंकित किए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button