चीन ने पहली बार माना गलवां घाटी में मारे गए थे उसके जवान, पढ़े पूरा मामला

VON NEWS: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से तनातनी जारी है। अब दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघल रही है। अब जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया का निर्णायक चरण चल रहा है और जल्द ही पूरा होने के करीब है तो चीन ने पहली बार माना है कि गलवां घाटी में हुए खूनी झड़प में उसके सैनिक भी मारे गए थे। ड्रैगन ने खूनी झड़प के दौरान मारे गए अपने पांच सैनिकों की जानकारी साझा की है। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।

चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने काराकोरम पर्वत पर तैनात रहे पांच चीनी सैनिकों के बलिदान को याद किया है। इनके नाम हैं- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन। हालांकि चीन गलवां घाटी में मारे गए अपने सैनिकों का आंकड़ा बहुत कम बता रहा है।

पिछले दिनों भारतीय सेना की उत्तरी कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने बताया था कि गलवां घाटी की झड़प के बाद 50 चीनी सैनिकों को वाहनों के जरिए ले जाया गया था। झड़प में चीनी सेना के काफी सैनिक मारे गए थे। जनरल जोशी के अनुसार चीनी सैनिक 50 से ज्यादा जवानों को वाहनों में ले जा रहे थे। मगर वे घायल थे या उनकी मौत हो चुकी थी इसके बारे में कहना मुश्किल है।

 

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