सिर्फ मैदानी क्षेत्रों में ही होगी केंद्रीयकृत किचन व्यवस्था लागू

देहरादून,VON NEWS:  प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में मिड डे मील की केंद्रीयकृत किचन व्यवस्था लागू नहीं होगी। सिर्फ चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के मैदानी क्षेत्रों के विद्यालयों के लिए ही उक्त व्यवस्था की गई है। केंद्रीयकृत किचन का संचालन द अक्षय पात्र फाउंडेशन करेगा।

केंद्रीयकृत किचन को लेकर सरकार ने स्थिति साफ कर दी है। इसे पूरे प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। सिर्फ चार जिलों के मैदानी क्षेत्रों में इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि केंद्रीयकृत किचन प्रणाली द अक्षय पात्र फाउंडेशन के माध्यम से संचालित की जाएगी। उक्त चार जिलों में दो जिलों देहरादून और नैनीताल के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए मिड डे मील की व्यवस्था यथावत रहेगी।

उन्होंने बताया कि फिलहाल देहरादून और ऊधमसिंह नगर में चार केंद्रीयकृत किचन निर्माणाधीन हैं। शेष दो जिलों हरिद्वार और नैनीताल में यह प्रक्रिया चल रही है। केंद्रीयकृत किचन व्यवस्था वाले मैदानी क्षेत्रों के सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए दोपहर का भोजन भोजनमाताएं नहीं पकाएंगी। उनके पास बच्चों को भोजन वितरण का कार्य होगा। केंद्रीयकृत किचन से प्रदेश में भोजनमाताओं पर असर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में 27 हजार से ज्यादा भोजनमाताएं कार्यरत हैं।

प्रदेश सरकार अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 में मिड डे मील की 182.39 करोड़ की सालाना कार्ययोजना को मंजूरी दे चुकी है। इसे अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। कुपोषण के खिलाफ जंग के तहत मिड डे मील योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बच्चों को हफ्ते में दो बार अतिरिक्त पोषण के रूप में मीठा सुगंधित दूध और अंडा, गुड़ पापड़ी मुहैया कराई जा रही हैं।

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