देश के कई मेडिकल कॉलेजों को पैसा लेकर अनुमति देने के मामले में NMC,MARB अधिकारियों की सी बी आई जांच शुरू । देहरादून का गौतम बुद्ध सुभारती भी शिकायत में शामिल ।
नई दिल्ली: एन एम सी (नेशनल मेडिकल कमीशन) के शीर्ष अधिकारी भी अब केंद्रीय जांच ब्यूरो के रडार पर आ गए है एवं सी बी आई के रूप में मुसीबत इन सबके सर पर खड़ी हो गई है और इन सबकी जांच(सीबीआई) ने आज शुरू कर दी है
आपको बता दे कि हाल ही में नकद पैसा निकासी एवम संदिग्ध एंट्री के साथ ही पैसा लेकर नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दी गई है जबकि ये कॉलेज मानक पूरे नही करते एवम कागजों में भी इन कॉलेजों ने भारी हेराफेरी की है ।
ज्ञात हो कि वॉयस ऑफ नेशन काफी समय से इस तरह के मुद्दे पूर्व में श्री देव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज और वर्तमान में इसी संस्था ने नाम बदल कर गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय देहरादून के नाम से सारे नियम कानून दरकिनार रख कर मात्र शपथ पत्रों के आधार पर देहरादून सचिवालय से लेकर एन एम सी तक झूठे कागजों से अनुमति प्राप्त की थी ,का मुद्दा उठाया था
द न्यू इंडियन के हवाले से इसी प्रकार के कई अन्य मामलो में शिकायत मंत्रालय एवं केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडावलिया को मिली थी और इन सभी शिकायतों को मध्य नजर रखते हुए सी बी आई ने आज जांच शुरू कर दी है
वायस ऑफ नेशन पूर्व में भी खबर प्रकाशित कर चुका थी भ्रष्टाचार पर केंद्रीय सरकार एवं सी बी आई जल्दी कार्यवाही कर सकती है और इसी संबंध में जांच प्रधान मंत्री कार्यालय से भी बैठाई गई थी ।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार कई मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें मिलीं और इसी के चलते उन्होंने एनएमसी अधिकारियों और आकलन और रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) MARB में उन्होंने भ्रष्टाचारियों की सफाई करने का आदेश दिया है जिससे भ्रष्टाचार न हो पाए और लोगो के जीवन से खिलवाड़ ने हो पाए ।
इससे पहले औचक निरीक्षण के दौराननिजी मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य मंत्रालयअधिकारियों ने पाया था कि कई कमीयो के बावजूद,उचित बुनियादी ढाँचा न होने पर, संकाय और आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के न होने पर भी सभी आवश्यकताओं को निरीक्षण टीम में युक्त और उपयुक्त दर्शाया गया था पर मौके पर स्तिथि ही बिलकुल भिन्न और उलट थी । कई मामलो में एसेंशियलिटी सर्टिफिकेट पुराने फॉर्मेट पर राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया जबकि नए फॉर्मेट में जमीन ,भवन ,आदि का पूर्ण विवरण भरना होता है सचिव स्तर पर उसका सत्यापन किया जाता है ।
मंत्रालय ने जांच में पाया कि NMC के अधिकारी कॉलेजों में निरीक्षण का लिंक जेनरेट करते है और गुप्त रूप से दलालों को बताते है इसके बाद दलाल कॉलेजों को सूचना देते है और दलाल एक दिन के लिए निरीक्षण के लिए किराए की फैकल्टी , टीचर ,स्टाफ ,इक्विपमेंट लाते है और निरीक्षण के बाद सब वापस चले जाते है
बताया जा रहा है की सभी कॉलेजों के स्टाफ का गहन अध्ययन किया जाएगा और उनका सत्यापन भी से बी आई द्वारा किया जायेगा
सुभारती मेरठ की फर्जी इंस्पेक्शन करवाने के मामले माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर CBI जांच पूर्व से ही चल रही है
आपको बता दे की निरीक्षणों के चरण-प्रबंधन या कॉलेज को अनुमति देने के और स्वास्थ्य ,चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के आरोप नए नहीं है एवम तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद MCI को भी भ्रष्टाचार ,घोटाले के ऐसे आरोपों के चलते समाप्त करके NMC का गठन किया गया था दरअसल, इन सभी तथ्यो का ध्यान रखते हुए घोटाले की दागी संस्था एमसीआई को 2020 में एन एम सी के नाम से बदला गया
एनएमसी अधिनियम के अनुसार, चिकित्साअसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड असेसमेंटमेडिकल कॉलेज उनके लिए प्रणाली और एक रैंकिंग विकसित करता है, हालांकि, अब आरोपMARB एवम NMC के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं ।
द इंडियन की ताजा मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने कई औचक दौरों में कई मेडिकल कॉलेज और ऐसे ही एक मामले में,एनएमसी की टीम ने पाया कि एक कॉलेज में सुविधाओं का अभाव स्नातक एमबीबीएस पाठ्यक्रम में था और उसको पीजी कोर्स तक को भी मान्यता दे दी गई थी और दूसरी ओर वही कॉलेज लगभग 18 वर्षो से चल रहा है जबकि सुविधाएं नगण्य थी वही एक अन्य संस्थान के मामले में मानदंडों का उल्लंघन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 करोड़ का जुर्माना लगाया था ।
सूत्रो के अनुसार देहरादून के गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय पर भी गाज गिरनी तय है क्योंकि यहां भी शुरुवाती दौर से ही राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की चुनिंदा अधिकारियों की टीम, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा और यहां तक की सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित सिंह नेगी तक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है की गौतम बुद्ध सुभारती चिकित्सा महाविद्यालय की संस्था MTVTBR ट्रस्ट के नाम कोई भूखंड नही है और इनका हॉस्पिटल भी 2 साल से क्रियाशील नही है जबकि NMC नियम के अनुसार आवेदन कर्ता संस्था के नाम जमीन राजस्व अभिलेखों में होनी चाहिए ।
हाल ही में पता चला कि जो जमीन देहरादून के झाझरा ने दर्शाई गई है वो टौंस नदी में है और जमीन की फर्जी रजिस्ट्री की गई है और एक मामले में तो जमीन का मालिक की मृत्यु हो चुकी है और उसके स्थान पर किसी अन्य से रजिस्ट्री करवाई गई है तथा कई अन्य तथ्यो को छुपाया गया है साथ ही पूर्व में ये संस्था श्री देव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज के नाम से 300 MBBS के छात्रों के 2 वर्ष बर्बाद कर चुकी है और रस बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी सहित (ट्रस्ट को ) पूरी संस्था को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से डी जी पी उत्तराखंड द्वारा सील किया गया था और राज्य सरकार ने इस संस्था पर 97 करोड़ की पेनल्टी लगाई हुई है जिसमे 72 करोड़ आज की तिथि तक संस्था ने उत्तराखंड सरकार को देना है तथा इनको इन सब शिकायतों और घोटाले के चलते IAS पंकज पांडे द्वारा सभी रिपोर्टों को दरकिनार करते हुए कॉलेज खोलने की एन ओ सी दी गईं जिस पर प्रधान मंत्री कार्यालय, DOPT, विजिलेंस आदि की जांच चल रही है तथा कॉलेज के घोटालों की जांच भी प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय सहित NMC एवं MARB को दी गई है ।
आज शुरू हुई NMC अधिकारियों की सी बी आई जांच जल्दी ही देहरादून पहुंच सकती है जिसमे कई परतें शासन और निदेशालय की चुप्पी तोड़ कर कई भ्रष्ट तथ्य उजागर कर सकती है ।
अब यदि शासन अपनी समय रहते IAS पंकज पांडे द्वारा जारी एसेंशियलिटी सर्टिफिकेट निरस्त कर देता तो ही उत्तराखंड के अधिकारियों को राहत मिल सकती है अन्यथ सी बी आई की गाज सभी संबंधित,जो भ्रष्टचार में शामिल रहे ,गिरना तय है जिससे काफी परते खुलेंगी ।
सुभारती के घोटालों की फेहरिस्त यहां नीचे दिए लिंक को क्लिक करके पढ़ें :
http://shabddoot.com/uttarakhand-157/
https://education.medicaldialogues.in/tag/ras-bihari-bose-subharti-university/
https://voiceofnationnews.com/pankaj-pandey-investigation/
https://voiceofnationnews.com/fraud-of-subharti-in-the-name-of-gautam-budh-mahavidyalay/
https://voiceofnationnews.com/mtvt-buddhsit-trust-scam/
https://voiceofnationnews.com/fraud-of-subharti-in-the-name-of-gautam-budh-mahavidyalay/
https://youtu.be/yFQbX7sZdKwhttps://www.tribuneindia.com/news/archive/features/bail-of-subharti-group-head-cancelled-370857
https://subharti.org/news/the-case-of-fake-remdesivir-injections/
https://voiceofnationnews.com/voiceofnation-123/https://www.amarujala.com/dehradun/15275394011-vikas-nagar-news