चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के लेटर पैड के दुरुपयोग के मामले में लखनऊ में केस दर्ज
लखनऊ,VON NEWS: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का लेटर पैड बनाकर एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत को प्रशस्ति पत्र देने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में मंत्री के निजी सचिव छोटेलाल ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
आरोप है कि मंत्री के संज्ञान में लाया गया है कि किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति तथा एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत को उनके लेटर पैड पर प्रशस्ति पत्र लिखा गया है, जिसे देखने पर पता चला कि वह पैड फर्जी है। लेटर पैड पर मंत्री के हस्ताक्षर भी नहीं हैं और न ही उस पत्र उनके कार्यालय से भेजा गया है। प्रशस्ति पत्र पर कमल का फूल बना है, जो मंत्री के शासकीय लेटर हेड पर नहीं होता है। यही नहीं लेटर हेड पर विभाग भी गलत अंकित किया गया था। इस प्रशस्ति पत्र को एम्स ऋषिकेश के निदेशक व केजीएमयू के पूर्व वीसी रविकांत ने फेसबुक पर भी अपलोड किया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इस संबंध में एफआइआर दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की गई है। कद््दावार मंत्री से जुड़े हाईप्रोफाइल मामले पर फिलहाल पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
इंस्पेक्टर हजरतगंज संतोष कुमार सिंह के मुताबिक चार मार्च को रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामले की छानबीन की जा रही है। मामला एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर प्रोफेसर रविकांत से जुड़ा होने के कारण उत्तराखंड पुलिस भी सक्रिय हो गई है। इस एफआइआर में प्रोफेसर रविकांत का नाम तो फिलहाल नहीं है, लेकिन आगे जांच में वह रडार पर रहेंगे। लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली के प्रभारी ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच हो रही, इस मामले में जो भी दोषी होगा, हम उसे बख्शेंगे नहीं। फिलहाल एफआईआर में अभी कोई नामजद नहीं है।
हजरतगंज कोतवाली में दर्ज इस एफआईआर से उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड तक डॉक्टरों के बीच यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है।
प्रोफेसर रविकांत ने दी सफाई
इस प्रकरण पर प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि इस प्रकरण में मैंने भी उत्तराखण्ड की स्थानीय पुलिस से शिकायत की है। इस पत्र को बनवाने में मेरा कोई हाथ नहीं है।
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