दिहाड़ी मजदूरों की रोजी-रोटी की फिक्र
लखनऊ, VON NEWS: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना वायरस को आगे बढ़ने से रोकने के बड़े अभियान में लगी है। इससे बचाव के तमाम प्रयासों के बीच सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ की व्यवस्था बना दी गई है।
दिहाड़ी मजदूरों को भुखमरी से बचाने के लिए उन्हें भोजन मुहैया कराने के लिए लंगर आयोजित करने का सुझाव दिया गया, लेकिन इससे अव्यवस्था फैलने के अंदेशे के मद्देनजर उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर भी विचार हुआ। इस पर भी चर्चा हुई कि जिन मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें कैसे खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। ऐसे मजदूरों के लिए अलग से राशन कार्ड बनाने की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया गया। सोचा गया कि मजदूरों को खाद्यान्न के अलावा नमक, तेल आदि आवश्यक वस्तुुएं खरीदने के लिए कुछ धनराशि भी मुहैया करायी जानी चाहिए। चर्चा हुई कि यदि डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिये मदद की धनराशि सीधे मजदूरों के बैंक खातों में भेजी जाए तो कितनी रकम ट्रांसफर की जाए। कमेटी की बैठक गुरुवार को भी होगी।
दिहाड़ी मजदूरों की रोजी-रोटी की फिक्र में जुटी सरकार
कोरोना वायरस के प्रकोप से उपजी विषम परिस्थितियों में योगी आदित्यनाथ सरकार दिहाड़ी मजदूरों की रोजी-रोटी की फिक्र में जुट गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित मंत्रियों की कमेटी ने बुधवार को अफसरों के साथ दो चरणों में बैठक कर ऐसे हालात में दिहाड़ी मजदूरों को भुखमरी से बचाने के उपायों पर मंथन किया।
मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर दिहाड़ी मजदूरों को रोजी-रोटी की तलाश में भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था इन हालात में गरीब-मजदूरों को भरण-पोषण का खर्च सरकार उपलब्ध कराएगी। यह भी कहा था कि मजदूरों के परिवारों के भरण-पोषण के लिए निर्धारित धनराशि उनके खातों में आरटीजीएस के माध्यम से पहुंचा दी जाएगी। इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए उन्होंने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था, जिसमें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हैं। समिति को तीन दिन में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी है।
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