पहाड़ों में बंजर भूमि में भांग करेगी मालामाल, पढ़े पूरी खबर

VON NEWS : उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर भूमि पर भांग की एक प्रजाति भांग (हैंप) की खेती किसानों को मालामाल करेगी। सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2025 तक इसका वैश्विक व्यापार चार अरब से बढ़ कर 26 अरब तक पहुंच सकता है।

वैश्विक स्तर पर औद्योगिक हैंप के बीज और रेशे की मांग को देखते हुए सरकार प्रदेश में इसकी खेती को बढ़ावा दे दी है। हैंप की खेती और मार्केटिंग के लिए नीति बनाई जा रही है। जल्द ही नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है।

औद्योगिक हैंप का प्राकृतिक वास हिमालयन  क्षेत्र है। राज्य में पहले से स्थानीय लोग हैंप के बीज और रेशे का पारंपरिक उपयोग करते हैं। लेकिन अब सरकार इसकी खेती को एक बिजनेस मॉडल के रूप में बढ़ावा दे रही है। गत वर्ष से अब तक सरकार ने ट्रायल के रूप में औद्योगिक हैंप की खेती के लिए 16 किसानों और कंपनियों को लाइसेंस जारी किए हैं।

कई कंपनियां  किसानों से मिल कर कांट्रेक्ट फार्मिंग कर रही है। इसके बाद प्रोसेसिंग कर  हैंप के पौधे से रेशे और बीज निकाला जाएगा। राज्य में चिकित्सा व तकनीक के लिए हैंप खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार नीति के साथ एनडीपीएस एक्ट (स्वापक औषधि एवं मनप्रभावी पदार्थ अधिनियम) के तहत नियमावली बना रही है। जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है।

राज्य गठन के बाद प्रदेश में कृषि क्षेत्रफल 17 प्रतिशत घटा है। लगभग तीन लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर हो गई है। जंगली जानवरों की समस्या से किसान खेती को छोड़ने को मजबूर है। सरकार का मानना है कि बंजर भूमि और जंगली जानवरों की समस्या वाले क्षेत्रों में किसान औद्योगिक हैंप की खेती का अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

40 देशों में भांग की खेती और व्यापार

उत्तराखंड की जलवायु औद्योगिक भांग की खेती के अनुकूल है। लेकिन अभी हैंप को प्रदेश में व्यावसायिक रूप नहीं मिला है। विश्व के 40 देशों में हैंप की खेती और व्यापार किया जा रहा है। इसमें प्रमुख देश अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, नीदरलैंड, डेनमार्क, चीन, थाईलैंड शामिल हैं।

पहाड़ में उगने वाली भांग के ये उपयोग

हैंप के बीज का इस्तेमाल, स्नैक फूड, अनाज, सूप, चटनी, मसाला, बेकरी, पास्ता, चॉकलेट, पेय पदार्थ, एनर्जी ड्रिंक, जूस बनाने में किया जाता है। इसके अलावा कामेस्टिक उत्पाद, रेशे(फाइबर) का टैक्सटाइल, पेपर, ऑटोमोबाइल, फर्नीचर समेत अन्य कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं।

 

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