कोरोनावायरस की तरह ही खतरनाक हो सकता है कैंडिडा औरिस,वैज्ञानिकों ने कही ये बात..

नई दिल्ली,VON NEWS: कोरोनावायरस सारी दुनिया के लिए सिर दर्द बना हुआ है, उसके साथ-साथ कई और परेशानियां भी दस्तक दे रही है। कोरोना के साथ ही कोरोना स्ट्रेन और अब एक और नई परेशानी का वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है। सेंटर फॉर डिसीज एंड कंट्रोल के वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगली महामारी कैंडिडा औरिस के कारण हो सकती है। यह एक फंगस है जो काले प्लेग की तरह दिखता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह फंगस अगर रक्त के साथ प्रवाह करने लगे तो यह काफी घातक हो सकता है। यह अस्पतालों में कैथेटर या अन्य ट्यूब आधारित उपकरणों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। ऐसी स्थिति में यह शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

इस वायरस का इतिहास:

शोधकर्ताओं ने 2009 में जापान में C.auris वायरस की खोज की थी। C.auris नाम लैटिन भाषा का शब्द है। ये संक्रमण शरीर में कई जगहों पर हो सकता है। आमतौर पर इस फंगस के मरीजों को एंटिफंगल दवाओं से ठीक किया जाता रहा है।

कितने समय तक सतह पर जीवित रह सकता है ये वायरस?

वैज्ञानिकों के मुताबिक ये वायरस सतह पर काफी समय तक जीवित रह सकता है। इम्पीरियल कॉलेज लंदन के महामारी विशेषज्ञ जोहाना रोड्स की मानें तो ये फंगस कोरोना की तरह सतह पर जमे रह सकते हैं। बड़ी बात यह है कि ये ज्यादा लंबे समय तक उन सतहों पर जीवित रह सकते हैं और यही इसे कोरोना से भी खतरनाक बनाता है। रिपोर्ट की मानें तो यह वायरस बंदरों से फैलता है।

इस बीमारी के प्रमुख लक्षण:

वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाले समय में यह कोरोना की तरह वैश्विक महामारी बनकर उभर सकता है। इस बीमारी का मुख्य कारण नेचुरल चिजों का अभाव या जलवायु परिवर्तन भी हो सकता है।

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