फ्रेश फील करने के लिए डिओड्रेंट का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए, जानिए साइड इफेक्ट!
नई दिल्ली,VON NEWS: गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है इस मौसम में फ्रेश फील करने का एक अच्छा तरीका डिओड्रेंट है। इसमें कोई शक नहीं कि डिओड्रेंट पसीने की बदबू को दूर करके हमें खुशबू में तर करता है। लेकिन, यह भी सच है कि पसीने को रोकने का दावा करने वाले डिओड्रेंट्स को एंटीबैक्टीरियल बनाते वक्त ट्राइक्लोसन केमिकल का प्रयोग किया जाता है। यह केमिकल शरीर के अच्छे एंटी-बैक्टीरियल को नष्ट कर शरीर में एलर्जी की समस्या देते हैं।
डिओड्रेंट में मौजूद एल्यूमीनियम कंटेंट रोम छिद्रों को बंद करके पसीने के स्राव पर रोक लगा देता है, जिससे पसीने के रूप में शरीर के विषाक्त पदार्थों का निष्कासन रुक जाता है। इस कारण स्किन में जलन, लालिमा, खुजली जैसी त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं के होने की आशंका बढ़ जाती है। इतना ही नहीं डिओड्रेंट में एल्यूमीनियम कंटेंट के साथ ऐसे कई रसायन भी मौजूद होते हैं, जो खासतौर से महिलाओं के शरीर में इस्ट्रोजेन हार्मोन और ब्रेस्ट टिश्यू को प्रभावित करते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा विशेषज्ञों की राय मानें तो पसीने की दुर्गंध से बचने के लिए जो लोग डिओड्रेंट का प्रयोग करना चाहते हैं, वे स्प्रे की बजाय स्टिक डिओड्रेंट का प्रयोग कर सकते हैं। स्टिक डिओड्रेंट स्प्रे से बेहतर होते हैं। स्प्रे डिओड्रेंट में खुशबू को देर तक बनाए रखने के लिए कई प्रकार के रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जबकि स्टिक डिओड्रेंट के निर्माण में रसायनों का प्रयोग कम मात्रा में होता है। इस कारण इससे त्वचा को नुकसान पहुंचने की संभावना कम होती है।
एल्कोहल फ्री डिओड्रेंट का प्रयोग करें : बाजार में कुछ ऐसे डिओड्रेंट भी उपलब्ध हैं, जिनके निर्माण में एल्कोहल और नुकसानदेह रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता। त्वचा विशेषज्ञ इस प्रकार के डिओड्रेंट के प्रयोग को भी ठीक बताते हैं। एल्कोहल फ्री ये डिओड्रेंट त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इनके प्रयोग से त्वचा संबंधी किसी समस्या या एलर्जी होने की आशंका कम हो जाती है।