मंदिर के विवाद में अधिवक्ता व चचेरी बहन की हुई हत्या
औरैया,VON NEWS: शहर के मुख्य बाजार स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में महंत की भू-समाधि बनाने को लेकर विवाद के बाद फायरिंग में गोली लगने से अधिवक्ता और उनकी चचेरी बहन की मौत के बाद कोहराम मच गया। गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए फोर्स तैनात किया गया है। पुलिस ने घटना के बाद आठ लोगों को नामजद करते हुए सपा से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) कमलेश पाठक, उनके भाई संतोष पाठक व रामू पाठक समेत छह को गिरफ्तार किया गया।
औरैया में घटना का कारण मुख्य बाजार में करीब एक एकड़ में फैले सौ साल पुराने मंदिर की बेशकीमती जमीन है। नारायनपुर गांव निवासी शिवकुमार चौबे के 37 वर्षीय पुत्र अधिवक्ता मंजुल चौबे वर्ष 2003 से 2005 तक तिलक महाविद्यालय औरैया में छात्र संघ अध्यक्ष रहे थे। उनके घर के पास स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के 95 वर्षीय महंत वीरेंद्र स्वरूप पाठक शनिवार रात ब्रह्मïलीन हो गए, जो कमलेश पाठक के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कमलेश पाठक का पक्ष मंदिर में पुजारी की भू-समाधि बनाना चाहता था लेकिन मंजुल पक्ष विरोध कर रहा था।
सुबह दूसरा पक्ष यमुना घाट पर महंत का दाह संस्कार करके लौटे तो फिर विवाद हो गया। मारपीट होने पर मंजुल के भाई संजय ने यूपी 112 पर सूचना दी। इस बीच मंजुल पहुंचे और पथराव शुरू हो गया। इसी बीच सदर कोतवाल फोर्स के साथ पहुंचे तो उनके सामने ही दोनों पक्षों से फायङ्क्षरग होने लगी। इस बीच गोली लगने से मंजुल व उनकी चचेरी बहन व शिक्षिका सुधा चौबे की मौत हो गई। वहीं मंजुल के भाई संजय व राहगीर अजीत कुशवाहा घायल हो गए। घायलों को कानपुर के एलएलआर (हैलट) अस्पताल भिजवाया गया।
घटना के बाद तनाव का माहौल व्याप्त होने पर कई थानों का फोर्स बुलाकर तैनात कर दिया गया। आइजी मोहित अग्रवाल, डीएम अभिषेक सिंह व एसपी सुनीति ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। एसपी सुनीति ने बताया कि मामले में एमएलसी कमलेश पाठक, उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख संतोष पाठक, भाई रामू पाठक, साले कुलदीप अवस्थी, रिश्तेदार विकल्प अवस्थी, राजेश शुक्ला, चालक छोटू, सरकारी गनर और तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
आईजी कानपुर जोन मोहित अग्रवाल ने बताया कि प्राथमिक जांच में मंदिर की जमीन पर कब्जे के विवाद में घटना हुई है। एमएलसी पक्ष पर मंदिर की जमीन पर कब्जा कर शापिंग मॉल या दुकानें बनवाने का आरोप है। मंदिर के महंत की मृत्यु के बाद एमएलसी मंदिर की चाभी मंजुल के परिवार से लेने गए थे तभी विवाद हुआ। एमएलसी व उसके दो भाई को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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