कांग्रेस के केदारनाथ सीट चुनाव के मुख्य ऑब्ज़र्वर गणेश गोदीयाल करेंगे टीम सहित केदारनाथ विधान सभा का दौरा ।भाजपा पहले उतार चुकी है 5 मंत्रियों की टीम । संभावित उम्मीदवार का नाम भेजेंगे हाईकमान को ।

पढ़िए उत्तराखण्ड उप चुनाव का मिथक कब टूटा

कांग्रेस के केदारनाथ  मुख्य ऑब्ज़र्वर गणेश गोदीयाल करेंगे टीम सहित केदारनाथ विधान सभा का दौरा ।भाजपा पहले उतार चुकी है 5 मंत्रियों की टीम । संभावित उम्मीदवार का नाम भेजेंगे हाईकमान  को ।

देहरादून / केदारनाथ/ नई दिल्ली   (मनीष वर्मा ) आज केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा उत्तराखण्ड की केदारनाथ विधान सभा सीट पर उप-चुनाव की घोषणा होते ही उत्तराखण्ड में राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज हो गई है ।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व में  बद्रीनाथ केदारनाथ समिति अध्यक्ष रहे गणेश गोदीयाल को कांग्रेस पार्टी की ओर से केदारनाथ चुनाव में  वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है  और साथ ही बदरीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला को भी पर्यवेक्षक बनाया गया है.इससे पहले भी कांग्रेस हाईकमान केदारनाथ उपचुनाव के लिए उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और विधायक वीरेंद्र जाति को आब्जर्वर नियुक्त कर चुका है. पार्टी ने केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव को लेकर चार पर्यवेक्षक उत्तराखंड से बनाये हैं जबकि भाजपा की ओर से पहले ही राज्य सरकार के पांच मंत्रियों को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मंडल का जिम्मा दिया गया है।

 

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को गुप्तकाशी, सतपाल महाराज को ऊखीमठ, रेखा आर्या को अगस्त्यमुनि, सुबोध उनियाल को अगस्त्यमुनि ग्रामीण और गणेश जोशी को सतेराखाल मंडल का जिम्मा दिया गया है। इनके साथ प्रभारी एवं सह प्रभारी सहित प्रवासी कार्यकर्ताओं को भी ज़िम्मेदारी दी है।

मंत्रियों को अपने-अपने मंडलों में पार्टीजनों के साथ निरंतर बैठकें करने व जनता दरबार लगाने को को पूर्व में निर्देश दिया गया था और  मंत्री एक बार अपने क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं। मंत्रियों को मोर्चे पर उतारने के पीछे पार्टी की मंशा यही थी कि उपचुनाव की घोषणा सेपहले ही अपने पक्ष में माहौल बनाया जाए। साथ ही जनसमस्याओं का निराकरण भी सुनिश्चित कराया जाए हालाँकि अब इस चुनाव के परिणाम आने पर देखना होगा कि मंत्रियों का कौशल कितना रंग  भाजपा के पक्ष में जमा पाता है।

उत्तराखण्ड उप चुनाव का आज तक मिथक जो बना और टूटा :

उत्तराखण्ड में 2002 से आज तक उपचुनाव को लेकर मिथक था की जिसकी सरकार होती उसके पक्ष में ही  परिणाम  आता है जो कि इस बार 2024 के उपचुनाव में मंगलोर और बद्रीनाथ सीट पर आकर टूटा । आइये देखते और समझते है ये गणित :-

2012-2017

केदारनाथ में क्‍या है जातीय समीकरण?          केदारनाथ विधानसभा में 90540 मतदाता है, जिसमें पुरुष मतदाता 44765 हैं और महिला वोटर 45775 हैं. केदारनाथ विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा राजपूतों मतदाताओं की संख्या है तो इसके बाद ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ब्राह्मण वोटर की संख्या आती है. केदारनाथ विधानसभा सीट में 2949 सर्विस वोटर हैं, जिसमें 2921 पुरुष मतदाता और 28 महिला मतदाता शामिल हैं. 

2022 के चुनाव में किसको कितने मिले मत ;-

दिवंगत विधायक शैला रानी रावत ने 8463 वोट से जीत प्राप्त की थी

भाजपा की ओर से कुछ  संभावित नाम चर्चा में पिछले दिनों आये थे जिसमें महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक आशा नौटियाल, दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत, कुलदीप रावत और दायित्वधारी चंडी प्रसाद भट्ट के नाम शामिल हैं। इसी बीच पार्टी नेता कुलदीप रावत ने जनता के बीच जाकर वोट मांगने भी शुरू कर दिए थे पर कांग्रेस से अभी किसी नाम की चर्चा सामने नहीं आया है जबकि सबसे मज़बूत और जिताऊ उम्मीदवार गणेश गोदीयाल को ही माना जा रहा था जो अब मुख्य पर्यवेक्षक बना दिये गये है । हालाँकि बद्रीनाथ और अयोध्या जैसी धार्मिक सीट हारने के बाद भाजपा के लिए यह चुनाव बड़ा निर्णायक और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगा ।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष,बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष रहे और आज ही मुख्य पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए गणेश गोडियाल ने वायस ऑफ़ नेशन से बातचीत में कहा कि केदारनाथ चुनाव में बेरोज़गारी,आजीविका, मंदिर में सोना परत घोटाला, बिजली,पानी और विकास से संबंधित अहम मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी जबकि भाजपा की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने बातचीत में बताया कि वो अभी तक क्षेत्र में सदस्यता अभियान में व्यस्त थी और कहा कि भाजपा की ओर से अब तक का किया गया विकास  इस उपचुनाव का अहम मुद्दा होगा ।

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