दूसरे राज्य के लोगों द्वारा नियम विरुद्ध ख़रीदी गई ज़मीन एवं दी गई अनुमति के अलावा अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग लाई जा रही जमीन पर CM धामी ने दिये जांच के निर्देश, राज्य सरकार में दर्ज हॉगी ऐसी जमीनें।वॉयस ऑफ़ नेशन ने हाल ही में किया था बड़ा खुलासा ।

वॉयस ऑफ़ नेशन की खबर का दिख रहा असर ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल के कुछ वर्षों में उत्तराखंड में दूसरे राज्यों के लोगों द्वारा निकाय क्षेत्रों से बाहर खरीदी गई जमीनों की जांच बिठा दी है। सीएम धामी ने पहले चरण में चार जिलों में जांच के निर्देश दिए हैं।इसमें पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल जिले शामिल हैं।
देहरादून स्थित सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्व सचिव एसएन पांडे को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत प्रदेश के बाहर के लोगों द्वारा परिवार के एक से अधिक सदस्यों के नाम खरीदी गई जमीन का ब्योरा मांगा गया है। यदि उनके द्वारा 250 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन नगर क्षेत्र से बाहर खरीदी पाई जाती है तो अतिरिक्त जमीन को सरकार में निहित किया जाएगा।

(250 बर्ग मीटर भूमि ख़रीद पर नियम समझाते हुए मुख्यमंत्री )
धामी ने कहा कि राज्य में निवेश के नाम पर ली गई जमीन के वर्तमान उपयोग का विवरण भी मांगा गया है। जिस उद्देश्य से जमीन खरीदी गई, यदि उसका सही उपयोग नहीं किया जा रहा है तो ऐसी जमीनें भी सरकार जब्त कर लेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूएसनगर और कुछ अन्य स्थानों में आरक्षित वर्ग की जमीनों को सुनियोजित तरीके से बेचे जाने की शिकायतें भी मिली हैं। इससे डेमोग्राफिक बदलाव भी हो रहा है। इस विषय को भी जांच में शामिल किया जा रहा है।
विदित है कि टिहरी झील, धनोल्टी, औली, भीमताल समेत कई पर्यटन स्थलों के आसपास जमीनों की खरीद-फरोख्त की शिकायतें हैं। इससे पहले शुक्रवार को सीएम बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाने का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रारूप समिति पहले से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, उत्तराखंड में भूमाफिया तंत्र को विकसित नहीं होने दिया जाएगा। जमीनों की खरीद-फरोख्त के विषय पर सरकार बेहद गंभीर है। यदि नियमों को उल्लंघन पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

(किसी प्रयोजन के लिए भूमि ली गई और उसके अलावा कोई अन्य प्रयोजन कर लिए जाने पर नियम समझाते हुए मुख्यमंत्री )
वॉयस ऑफ़ नेशन ने एक ऐसा ही मामला कुछ समय पूर्व उजागर किया था जिसमे सुभारती संस्था  उत्तर प्रदेश द्वारा देहरादून के झाजरा में निजी विश्विदयलय खोले जाने की अनुमति ली और किसी अन्य संस्था के नाम से Gautam Buddha Chikitsa Mahavidyalaya मेडिकल कॉलेज बना दिया जो की नियम विरुद्ध है और  मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर जुलाई 2023 से शिकायत होने पर भी राज्य सरकार मौन है तथा ज़िलाधिकारी सोनिका तक ने झूठी रिपोर्ट दे दी कि दोनों पक्षों से वार्ता हुई है  और मामला उच्च स्तर  जाँच से संबंधित है जबकि कोई वार्ता नहीं हुई और डेढ़ साल से अधिकारी – अधिकारी  गेम खेल रहे है  जबकि कोई आम जानता का मामला होता तो तत्काल ज़मीन राज्य सरकार में ज़िलाधिकारी सोनिका द्वारा ही राज्य सरकार में निहित कर दी होती पर क्योंकि मामला उत्तर प्रदेश में   कई आपराधिक मुक़दमों सहित सीबीआई द्वारा आरोपित हत्या का मुक़दमा का प्रचलित अतुल भटनागर  / एजुकेशन माफिया का है तो मामले को लटकाया जा रहा है । जिसका सबूत यहाँ दिया जा रहा है :-

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वॉयस ऑफ़ नेशन ने किया था बड़ा खुलासा । यह भी पढे :-https://.com/
  • पटवारी की रिपोर्ट में जब सिद्ध हो गया की भूमि प्रयोजन ग़लत है तो तत्कालीन ज़िलाधिकारी सोनिका ने भूमि को राज्य सरकार में दर्ज क्यों नहीं किया ? उच्च स्तर से संबंधित लिखना क्या आवश्यक था ? बड़ा सवाल !
वहीं इस ज़मीन का सरकारी एवं गोल्डन फारेस्ट एवं फर्जीवाडा करके रजिस्ट्रियाँ करवाने की शिकायत लैंड फ्रॉड कमेटी के अध्यक्ष कमिश्नर गढ़वाल को दिये जाने के बावजूद डेढ़ वर्ष से डीएम देहरादून सोनिका इस मामले को भी लंबित रखे रही और कोई कार्यवाही नहीं की देखें कमिश्नर के आदेश :-
पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने सुभारती को बंद करते हुए सील करने के आदेश दिये थे । यह भी पढे ;-https://www.jagran.com/uttarakhand/dehradun-city-subharti-medical-college-sealed-government-to-take-possesion-18723412.html
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री की प्रेस वार्ता और आदेश पर  सरकारी तंत्र कितना जागृत होकर कितने समय में कार्यवाही करेगा ।
उत्तराखण्ड की आमजनमानस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के  भू क़ानून के ऊपर लिए गए इस फ़ैसले का स्वागत किया है

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