45 करोड़ खर्च के बाद भी भूस्खलन के कारण 100 मीटर धंसी सड़क, एनएच महकमे ने निर्माण कंपनी को भेजा नोटिस
बद्रीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग व चमोली के बीच मैठाणा भूस्खलन जोन में 45 करोड़ के ट्रीटमेंट के चार साल बाद ही सड़क के 100 मीटर धंसने के बाद एनएचआईडीसीएल राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास नींद से जाग गया। एनएच महकमे ने भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट करने वाली कंपनी आरजी बिल्डवेल इंजीनियर्स लिमिटेड व मैकाफेरी एनवायरनमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड को नोटिस जारी किया गया है।
2015-16 में मैठाणा भूस्खलन जोन के लंबे दायरे में भूस्खलन को लेकर 45 करोड की ट्रीटमेंट योजना एनएच ने संपादित कराई थी। आरजी बिल्डवेल इंजीनियर्स लिमिटेड व मैकाफेरी एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस लिमिटेड संयुक्त उद्यम में यह कार्य योजना जमीन पर उतरी थी, जिसमें अलकनंदा किनारे से एक किमी ऊपर तक दीवारें, पानी निकासी, बाढ़ सुरक्षा, का कार्य हुआ था।
इस भूस्खलन जोन में हरी घास भी उगाई गई थी, ताकि 2013 में उभरा यह भूस्खलन जोन पूर्व की भांति यथा स्थित हो जाए। 45 करोड़ की यह कार्य योजना चार साल के अंतराल में वर्ष 2018-19 में पूरी हो गई थी।
दीवारों के अंदर सेंसर भी लगाए गए
अनुबंध के अनुसार, कंपनी को भूस्खलन जोन में लगातार निगरानी करनी थी, इसके लिए भूस्खलन जोन में ट्रीटमेंट के लिए बनाई गई दीवारों के अंदर सेंसर भी लगाए गए थे, जिनसे भूगर्भीय हलचल का अध्ययन होना था, लेकिन कार्य करने व कार्य समाप्त व भुगतान के बाद निगरानी के लिए कोई भी व्यवस्था मौके पर नहीं की।
बीते वर्ष जब भूस्खलन जोन के मध्य में 20 मीटर सड़क धंसने लगी तो इस पर पैचवर्क कर ढक लिया गया। इस मानसून में 100 मीटर से अधिक सड़क धंस कर क्षतिग्रस्त हो गई है। खास बात तो यह है कि अलकनंदा के कटाव के साथ साथ अलकनंदा तक हाईवे के 50 मीटर क्षेत्र में भूधंसाव हो रहा है जो लगातार जारी है।
नोटिस जारी कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया
एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि हाईवे पर यातायात सुचारू करने के लिए फिलहाल अस्थाई व्यवस्था कर मिट्टी मलबा भरकर हाईवे सुचारू है। कहा कि निर्माण कंपनी को नोटिस जारी कर वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अनुबंध की शर्तों के अनुसार, कंपनी को स्थाई ट्रीटमेंट कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के अधिकारियों को विधिवत नोटिस जारी कर उनके दूरभाष पर भी बात कर तत्काल कार्य योजना अमल में लाए जाने को कहा गया है।