इस मामले में IAS पंकज पांडे की जांच अब उनसे सीनियर अधिकारी करेंगे । मुख्य सचिव को 6 हफ्ते में लेना होगा निर्णय । माननीय उच्च न्यायालय,नैनीताल ने दिया आज यह आदेश ।
अब इस मामले में IAS पंकज पांडे की जांच अब उनसे सीनियर अधिकारी करेंगे । मुख्य सचिव को 6 हफ्ते में लेना होगा निर्णय । माननीय उच्च न्यायालय ने दिया आज यह आदेश ।
देहरादून / दिल्ली /नैनीताल : सरकार सहित चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की पीएमओ, राज्य विजिलेंस, केंद्रीय विजिलेंस,नार्थ ब्लॉक नई दिल्ली में किरकिरी करवा रहे विवादित एवं चर्चित IAS अधिकारी पंकज पांडे चौतरफा घिरते नजर आ रहें है ।
जी हां ये वही अधिकारी है जो पहले उत्तराखंड एन एच घोटाले में सस्पेंड होकर चर्चाओं में रहे, उसके बाद सुभारती गौतम बुद्ध मेडिकल कॉलेज एवं फिर डा. निधि उनियाल से बदसलूकी के मामले में पूरे उत्तराखंड सहित देश की मीडिया में सुनामी की तरह चर्चाओं में रहे । अब मामला माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से फिर गहरा गया गया है और संकट के काले बादल अब इस विवादित अधिकारी के ऊपर छा गए है क्योंकि मामला बहुत संगीन बनता दिख रहा है ।
इससे पहले भारत सरकार के IAS के ऊपर बैठे मंत्रालय DOPT ने मुख्य सचिव को अक्टूबर 2021 में जांच करने का आदेश भेजा था जिसको लेटर – लेटर और जांच – जांच खेलकर इधर उधर टरकाया जा रहा था जिससे मिलीभगत सामने न आ पाए और यहां तक कि राज्य सतर्कता विभाग ने भारत सरकार DOPT मंत्रालय ( कार्मिक मंत्रालय ) से आई जांच को IAS पंकज पांडे की अधीनस्थ अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा सुश्री सोनिका को सौंप दी परंतु 3 माह जांच लंबित रखने के बाद अपर सचिव सोनिका ने यह कहते हुए जांच को लौटा दिया कि वे अपने सचिव और शीर्ष अधिकारी की जांच कैसे कर सकती है , उसके बाद सचिव अरविंद सिंह हयांकि ने सीधे सचिव पंकज पांडे से स्पष्टीकरण मांगा पर सवाल फिर यह उठा कि उस कहावत के अनुसार कौन चोर यह कहेगा कि मैंने चुराया है ? ,के चलते कोई जांच सिरे नही चढ़ पाई ।
इधर एक जांच अलग से प्रधान मंत्री कार्यालय से राज्य के मुख्यमंत्री के कार्यालय पहुंची थी जिसमे वरिष्ठ एवम ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी सुश्री बलोदी द्वारा उक्त जांच विजिलेंस को मैप कर दी गई और आरटीआई में सूचना प्राप्त हो गई ।
उक्त जांच भी एक वर्ष से लंबित चली आ रही थी और अपर सचिव राज्य सतर्कता श्याम सिंह ने बताया कि जांच चल रही है ।
इधर मुख्य सचिव के यहां 3 बार RTI लगाये जाने पर हर बार यही जवाब एक वर्ष से अनु सचिव चिकित्सा शिक्षा सुनील सिंह एवं मुख्य सचिव के अधिकारी श्री पुनेठा द्वारा यही दिया जाता रहा कि अभी कोई जांच नही हुई है और कोई भी जवाब जांच के संबंध में नही मिला है ।
शिकायत कर्ता ने उक्त आरटीआई सहित सभी दस्तावेज एकत्र कर पुनः प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर रुख किया और तत्काल नतीजा यह मिला की नॉर्थ ब्लॉक विजिलेंस की वरिष्ठ अधिकारी को उक्त जांच सुपुर्द कर दी गई ।
इधर एक जांच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा केंद्रीय निदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रधानमंत्री के विश्वास पात्र डा संजय राय को दे दी गई क्योंकि देरी करने का सब मामला समझ में आ चुका था वही केंद्रीय मंत्री मनसुख भाई मंडाविया भी इसका संज्ञान लेकर NMC को कई निर्देश दिए गए और कई कॉलेजों पर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी ।
इधर प्रदेश सरकार द्वारा कुछ भी करवाही न करने और मामला लंबित रखे जाने की शिकायत भी प्रधान मंत्री कार्यालय को भेजी गई ।
इतना दबाव आने पर सचिव पंकज पांडे ने अपने ही निर्देश देकर एक कमेटी अपर निदेशक डा आशुतोष सायना की अध्यक्षता में बना दी परंतु उक्त समिति ने भीं 3 माह बाद अपनी रिपोर्ट शासन में सचिव पंकज पांडे को ही भेज दी कि सुभारती गौतम बुद्ध मेडिकल कॉलेज में बहुत गंभीर किस्म का एवं पूर्व से विभिन्न न्यायालयों एवं बैंको में लंबित है इसलिए इस समिति में अन्य विषय विशेषज्ञ जोड़े जाए ।
अब जान बचाने को क्या करते IAS पंकज पांडे ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी अपर सचिव अरुणदेंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में भी एक अन्य समिति बना दी जिसमे बाकी सब वही लोग जिनमे अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा , फाइनेंस कंट्रोलर विवेक स्वरूप ही थे मात्र अपर जिलाधिकारी वित्त एवम राजस्व को जोड दिया और और एक नई समिति को जन्म दिया ।
शिकायत कर्ता ने इस समिति- समिति और जांच – जांच के भ्रम को तोड़ने के लिए सारे दस्तावेज लगा कर माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल की शरण ली और याचिका दायर की ।
उक्त याचिका नैनीताल हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मेंद्र बर्थवाल ने जोरदार पैरवी के साथ भारत सरकार ,स्वास्थ्य मंत्रालय ,NMC , उच्च शिक्षा ,चिकित्सा शिक्षा , न्याय एवं विधाई , जिलाधिकारी देहरादून ,एसडीएम विकासनगर ,तहसीलदार विकासनगर , इसे पंकज कुमार पांडेय, राज्य सतर्कता विभाग ,अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा , MTVT बुद्धिस्ट ट्रस्ट सहित गौतम बुद् मेडिकल कॉलेज आदि को पक्षकार बनाते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ में दाखिल की तथा उक्त बाद में
माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ में शिकायत कर्ता की याचिका की जोरदार पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मेंद्र बर्थवाल ने सभी तथ्य माननीय न्यायमूर्ति के समक्ष सभी पक्षों की उपस्तिथि में तथ्यो से अवगत करवाते हुए हो रहे भ्रष्टाचार से अवगत करवाया ।
माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने सभी तथ्यो को समझते हुए याचिका स्वीकार करते हुए मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि वे इस मामले को 6 सप्ताह के भीतर निस्तारित करेंगे एवं नई कमिटी जो IAS पंकज पांडे से वरिष्ठ होंगे उनकी अध्यक्षता में बनायेंगे तथा उक्त समिति में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के कानूनी जानकार एवम शिकायत कर्ता को भी शामिल करेंगे जिससे पारदर्शिता के साथ जांच होकर सही तथ्य उजागर हो ।
इधर शिकायत कर्ता ने वॉयस ऑफ नेशन को बताया कि उन्होंने सारे तथ्यो को सबूत सहित एकत्र कर लिया है और झाझरा की गोल्डन फॉरेस्ट , उत्तराखंड सरकार एवं टोंस नदी सहित,फर्जी,मृत लोगो एवं पट्टो सहित कोटड़ा संतोर पूर्व श्री श्री1008 नारायण स्वामी चैरिटेबल ट्रस्ट एवं जमीन के पूर्व स्वामियों से धोखाधड़ी कर तथा जमीनों में कैसे हेर फेर कर अनुमति प्राप्त की गई इसका पूर्ण विवरण अपने पास रख लिया है जिसका वे खुलासा समिति के समक्ष करेंगे ।
आपको बता दे कि तत्कालीन प्रभारी सचिव सचिव पंकज पांडे ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों की वरिष्ठ सदस्यों की टीम ,अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा डा संजय गौड़ , निदेशक चिकित्सा शिक्षा युगल किशोर पंत , सी रविशंकर , सचिव अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट के खिलाफ जाकर एवं बिना हाई पावर कमेटी में प्रकरण को रखे और सुभारती पर राज्य सरकार की 72 करोड़ की लेनदारी , 300 छात्रों के भविष्य को खराब करने के आरोप होने के बावजूद एमबीबीएस खोलने हेतु अनिवार्यता प्रमाण पत्र ( एन ओ सी ) जारी कर दी थी और मंत्री धन सिंह रावत एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री तक को गुमराह किया गया था ।
देखना यह है की पी एम ओ , Vigilence , राज्य सतर्कता तथा माननीय हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब इस प्रकरण में क्या मंत्री एवं मुख्यमंत्री क्या निर्णय लेते है और जीरो टॉलरेंस क्या कारवाही करता है ?
इन लिंक्स पर क्लिक करके देखिए क्या क्या है मामले सुभारती वालो पर :
http://shabddoot.com/uttarakhand-157/
https://education.medicaldialogues.in/tag/ras-bihari-bose-subharti-university/
https://youtu.be/yFQbX7sZdKwhttps://www.tribuneindia.com/news/archive/features/bail-of-subharti-group-head-cancelled-370857