उमेश कुमार : मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है । उत्तराखंड में बड़े क्षेत्रीय दल का हुआ आगाज
देहरादून ( वॉयस ऑफ नेशन ) मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है । और यह कहावत फिट बैठती है जमीन से जुड़े और अपने पत्रकारिता के क्षेत्र से राजनीति में आकर उत्तराखंड से 3 बार से लगातार जीत रहे बाहुबली विधायक को भारी मतों से हराकर खानपुर से विधायक निर्वाचित हुए उमेश कुमार पर जिन्होंने वो कर दिखाया जो आज तक किसी उत्तराखंडी नेता में दम नहीं था ।
हालांकि उत्तराखंड में सिर्फ एक बार उत्तराखंड के क्षेत्रीय दल यू के डी ने नारायण दत्त तिवारी की सरकार में कई विधायको के साथ अपना वर्चस्व कायम किया था पर धीरे धीरे आपसी फुट और बंटवारे ने क्षेत्रीय दल यू के डी को समाप्त होने के कगार पर ला दिया और हाल के भी संपन्न चुनावो में यू के डी कोई खास प्रदर्शन नही कर पाई ।
उत्तराखंड की जनता ने हाल ही में संपन्न चुनावो में यू के डी ,आम आदमी पार्टी, सी पी आई सहित कई दलों के प्रत्याशियों को समर्थन नहीं दिया और इसी कारण किसी अन्य दल का अस्तित्व उत्तराखंड ने नही जम पाया ।
आज पहली बार इतिहास में हुआ है कि किसी जमीन से जुड़े व्यक्ति ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की सीढी की रक्षा करते हुए राजनीति में प्रवेश करके पहले चुनावो में निर्दलीय के तौर पर विजय प्राप्त की और फिर आम जनता से विचार विमर्श कर आम जन के सहयोग से उत्तराखंड के सबसे बड़े बनने वाली पार्टी का गठन किया और नाम भी पहले ही दिन लाखो लोगो के दिल और जुबान पर चढ़ गया ” उत्तराखंड जनता पार्टी ” ।
उमेश कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं है क्योंकि राजनीति और पत्रकारिता से हट कर भी बात करे तो उमेश कुमार कोरोना जैसे महा भयंकर त्रासदी से समय उत्तराखंड की जनता के लिए भगवान का अवतार बन कर साथ जुड़े थे । उस समय प्रवासियों को टिकट की व्यवस्था कर उन्हे वापस लाना हो या हवाई जहाज ,हेलीकॉप्टर , बस, ट्रेन के टिकट करवा कर से उन्हे सुरक्षित घर पहुंचाना हो, उत्तराखंड की जनता कभी भूल नहीं सकती और यही नहीं जनता के लिए खाना और दवाईयां तो लाखो लोगो तक पहुंचाने में उनका बड़ा योगदान और संभव प्राय रहा जिसमे उनके इष्ट मित्रों सोनू सूद सहित नामी क्रिकेटर शामिल रहे ।
बरहाल राज्य में नई पार्टी का दमदार आगाज हुआ है और वह दिन दूर नही जब यह पार्टी उत्तराखंड में अपना वर्चस्व कायम करेगी और बहुमत में प्रवेश करेगी और उमेश कुमार विधायक से सीधे मुख्यमंत्री बनेंगे ।
आशा की जा रही है की उत्तराखंड के राष्ट्रीय दलों से नाराज लोग इस पार्टी से जुड़ने जा रहे है जिसमे कई पूर्व विधायक एवं मंत्री भी रहे है और साथ ही पूर्व सैनिकों के नेता , रिटायर्ड अधिकारी सहित वो सभी जो चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी छोड़ गए, सभी को एक मजबूत मंच मिल गया है
क्योंकि जिनके दिल में जनता के लिए और जरूरत मंदो के लिए प्यार होता है उनके लिए एक और कहावत होती है
” कर भला तो हो भला “