क्यों दी जा रही कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक, जानिए
नई दिल्ली,VON NEWS: कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए शुरू किए गए टीकाकरण के 28 दिनों में करीब 80 लाख लोगों को पहली खुराक दी गई। गत शनिवार से अभियान के तहत प्राथमिकता के आधार पर उन स्वास्थ्य कर्मियों व अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले लोगों को दूसरी खुराक दी जा रही है जो पहली खुराक ले चुके हैं। आइए, जानते हैं कि दूसरी खुराक देने के लिए अभियान की शुरुआत 13 फरवरी को ही क्यों की गई और यह खुराक अहम क्यों है…
क्या 28 दिनों में अनिवार्य है दूसरी डोज
कोरोना से निजात के लिए ज्यादातर वैक्सीन की दो खुराक अनिवार्य है। इन खुराकों के बीच दो, तीन व चार सप्ताह का अंतर रखा जाता है। भारत में दी जा रही सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड व भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी ऐसी ही हैं। चार सप्ताह के भीतर इनकी दो खुराक दी जानी है। चूंकि टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी को की गई थी और पहले दिन करीब दो लाख लोगों को पहली खुराक दी गई थी, इसलिए उन्हें दूसरी खुराक देने के लिए 13 फरवरी की तिथि को चुना गया। हालांकि, 28 दिनों के भीतर ही दूसरी खुराक देने की बाध्यता नहीं है। पहली खुराक लेने वाला व्यक्ति चार से छह सप्ताह के भीतर कभी भी दूसरी खुराक ले सकता है।
केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी खुराक के दो सप्ताह बाद सुरक्षा के लायक एंटीबॉडी विकसित होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से दोनों खुराक अनिवार्य रूप से लेने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पहली खुराक लेने के बाद आप अगर खुद को कोरोना से सुरक्षित मान लेते हैं तो यह बड़ी भूल होगी। आप कोरोना से तभी सुरक्षित हो पाएंगे जब दूसरी खुराक भी समय पर लें।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के नियमन के लिए ऑनलाइन को-विन प्रणाली विकसित की है। इसके जरिये पहली खुराक लेने वाले लोगों की निगरानी भी की जा रही है। पहली खुराक दिए जाने के बाद को-विन प्रणाली में संबंधित के नाम के आगे टिक कर दिया जाता है। इसके बाद उसे एक एसएमएस मिलता है, जिसमें दूसरी खुराक की तिथि और समय का उल्लेख होता है।