मुर्दा पहुंचा डीएम के दरबार में और बोला साहब मैं जिंदा हूं..जानिए पूरा मामला
अलीगढ़,VON NEWS: साहब, मैं ही जगदीश कौर हूं। जिंदा हूं। लेकिन, रिकार्ड में नहीं। कई सबूत और शपथ पत्र दिए, पर विश्वास नहीं कर रहे। आपके सामने हूं। इससे बड़ा सबूत क्या दूं? इस सवाल के साथ उसकी आंखें भर आईं। बुधवार को जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के सामने हाथ जोड़े खड़ी गभाना के गांव भोजपुर की 70 वर्षीय यह महिला उन सभी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही थी, जिनके चलते रिकार्ड में मृत दर्ज हो गई। विभाग की इस गड़बड़ी के कारण उसे हाईवे में गए मकान का मुआवजा नहीं मिल पा रहा। यह सब बताते गला रुंध गया। मुझे रिकार्ड में जिंदा कर दो न, शब्दों ने संवेदनाएं झकझोर दीं। गंभीर हुए डीएम ने एसएलएओ संजीव ओझा को पूरे प्रकरण की जांच कर आठ दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
इनसे जगदीश कौर के चेहरे पर सुकून नजर आया। वह अपनी बेटी राजकौर के साथ डीएम के जनता दरबार में पहुंची। बताया, ब्लाक अकराबाद के गांव में गाटा संख्या 942 पर इनका एक मकान था। इसका क्षेत्रफल करीब 229 वर्ग मीटर है। यह मकान गाटर-पत्थर से बना हुआ था। चार फरवरी 2012 को बैनामा राजकौर के नाम कर दिया था। लेकिन, यह मकान राष्ट्रीय राजमार्ग-91 में चला गया। तब मुआवजा देने की बात कही गई, लेकिन वह भी नहीं मिला। पिछले दिनों वह कलक्ट्रेट स्थित एसएलएओ कार्यालय गई तो पता लगा कि रिकार्ड में उसे मृत दर्ज कर रखा है। ऐसे में इन्हें किसी को बैनामा करने का कोई अधिकार नहीं है। विभाग इस जमीन के एवज में अन्य लोगों को मुआवजा देने की तैयारी कर रहा है। यह पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है।
1065 करोड़ से हो रहा है निर्माण
अलीगढ़-कानपुर हाइवे पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। पुल व पुलिया के काम को तेजी से निपटाया जा रहा है। कुल 1065 करोड़ की धनराशि से इस सड़क को फोर लेन किया जा रहा है। वहीं, 568 करोड़ से जिले में 27 नई सड़कों का भी निर्माण हो रहा है। इनकी लंबाई भी करीब 156 किमी है।