बीमारियों से बचाव में वैक्सीन है सबसे अहम हथियार, पढ़े पूरी खबर
नई दिल्ली,VON NEWS: जेकोरोना वायरस महामारी को रोकने की कोशिश में वैक्सीन से सभी को उम्मीदें हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद आप वायरस से खुद को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।कोविड-19 वैक्सीन के अलावा दुनिया में कई रोगों से लड़ने के लिए अलग-अलग वैक्सीन पहले से मौजूद हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर कैसे एक वैक्सीन लोगों की जान बचाने में मदद करती है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कैसे एक वैक्सीन आपको कई बीमारियों से बचाने में मददगार है।
प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की क्षमता है अहम
प्राथमिक रूप से वैक्सीन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम करती है, जिससे एक निश्चित बीमारी के हमले को रोका जा सके। हमारे पास ऐसी वैक्सीन है जो कि वायरल और बैक्टीरियल रोगाणुओं से लड़ सके। जब रोगाणु आपके शरीर में प्रवेश करता है तो एंटीबॉडीज का इस पर हमला होता है। यह प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की क्षमता पर निर्भर करता है। जब आप कोई वैक्सीन लगवाते हैं तो रोगाणुओं के नए प्रकार आपको बीमार करने जितने शक्तिशाली नहीं होते हैं, लेकिन वैक्सीन प्रतिरक्षा प्रणाली को रोगाणुओं के प्रति एंटीबॉडी उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त है। इसका परिणाम यह होता है कि आप बीमार हुए बिना बीमारी के खिलाफ भविष्य की प्रतिरक्षा प्राप्त करते हैं। यदि आप फिर से रोगाणुओं के संपर्क में हैं, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली इसे पहचान लेगी और इससे लड़ने में सक्षम होगी।
बीमारी की वैक्सीन द्वारा हासिल प्रतिरक्षा में कम होता है जोखिम
कुछ मामलों में प्राकृतिक प्रतिरक्षा वैक्सीन से प्राप्त होने वाली प्रतिरक्षा के मुकाबले लंबे समय तक चलती है। हालांकि प्राकृतिक संक्रमण का जोखिम वैक्सीन लगाने से होने वाले जोखिम से ज्यादा होता है। उदाहरण के लिए, चेचक के संक्रमण में एक हजार संक्रमित व्यक्तियों में से एक को मस्तिष्क की बीमारी हो जाती है। वहीं चेचक के संक्रमण के कारण प्रत्येक एक हजार संक्रमित व्यक्तियों में से दो की मौत हो जाती है। इसके विपरीत, एमएमआर (खसरा, कंठमाला और रूबेला) वैक्सीन के संयोजन से चेचक के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए हर दस लाख में से सिर्फ एक व्यक्ति को एलर्जी होती है।