हैंड सैनिटाइजर से बच्चों की आंखों पर गहरा असर, रोशनी जाने का खतरा,ये है वजह

VON NEWS: कोरोना वायरस से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हैंड सैनिटाइजर से बच्चों की आंखों पर गहरा असर पड़ रहा है। एक फ्रेंच स्टडी के मुताबिक, 2019 की तुलना में 2020 हैंड सैनिटाइजर की वजह से बच्चों की आंखें खराब होने के मामलों में सात गुना बढ़ोतरी है।

स्टडी में बताया गया है कि बच्चों की आंखों में गलती से छिड़काव करने से उनकी आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अगस्त 2020 में जितने भी आंखों में केमिकल की वजह से हुई दिक्कत से संबंधित मामले दर्ज किए गए, उसमें 15 फीसदी हैंड सैनिटाइजर से संबंधित थे।

साल 2020 में सार्वजनिक स्थान पर बच्चों की आंखों मे गलती से हैंड सैनिटाइजर के छिड़काव के 63 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2019 में एक भी ऐसा मामला दर्ज नहीं किया गया था। कोरोना काल के समय हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल की सलाह दी गई थी, हैंड सैनिटाइजर में 70 फीसदी अल्कोहल होता है।

इसका परिणाम यह हुआ कि कोरोना से बचने के लिए या उसे खत्म करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा। फ्रेंच पोएजन कंट्रोल सेंटर (पीसीसी) रिसर्च ग्रुप के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में लिखा कि दुनियाभर में हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बढ़ने से बच्चों के लिए अनजानी समस्या खड़ी हो गई।

इसके अलावा दो भारतीय वैज्ञानिकों ने भी माना कि दो ऐसे बच्चों का अस्पताल में इलाज हुआ था, जिनकी आंखों में हैंड सैनिटाइजर गलती से पहुंच गया था। डॉक्टर्स ने लिखा कि छोटे बच्चों को इसका गंभीर खतरा हो सकता है और आंखों में सैनिटाइजर जाने की वजह से बच्चे की आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

 

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