पीएम ने कहा- दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर तेजी से आगे बढ़ रही!

नई दिल्ली,VON NEWS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्योग मंडल एसोचैम के फाउंडेशन वीक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे हैं। अपने संबोधन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा को एसोचैम एंटरप्राइज ऑफ दी सेंचुरी अवॉर्ड प्रदान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आने वाले 27 साल भारत के वैश्विक योगदान को ही तय नहीं करेंगे, बल्कि ये हम भारतीयों के सपने और निष्ठा, दोनों को टेस्ट करेंगे। ये समय भारतीय इंडस्ट्री के रूप में आपकी क्षमता, प्रतिबद्धता और साहस को दुनिया भर को दिखा देने का है। हमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है। बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं, ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक जमाने में हमारे यहां जो परिस्थितियां थीं, उसके बाद कहा जाने लगा था-भारत क्यों। अब जो सुधार देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिखा है, उसके बाद कहा जा रहा है- भारत क्यों नहीं?’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अब आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी है। इस समय दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रही है। नई टेक्नॉलॉजी के रूप में Challenges भी आएंगे और अनेक Solutions भी। इसलिए आज वो समय है, जब हमें प्लान भी करना है और एक्ट भी करना है। हमें हर साल के, हर लक्ष्य को Nation Building के एक Larger Goal के साथ जोड़ना है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे यहां कहा जाता है कि कर्म करते हुए 100 वर्ष तक जीने की इच्छा रखो। यह बात एसोचैम के लिए फिट बैठती है। बीते 100 सालों से आप सभी देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में जुटे हैं। यह बात रतन टाटा के लिए भी उतनी ही सही है। टाटा ग्रुप की देश के विकास में बड़ी भूमिका रही है।
‘एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि भारत ने अभूतपूर्व कोविड-19 महामारी का पूरे साहस के साथ मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट ने सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है। हालांकि, इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री के मजबूत नेतृत्व में पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने का हमारा संकल्प अब भी पहले की तरह दृढ़ है। आपको बता दें कि एसोचैम का पूरा नाम एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया है। इसे भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल भी कहा जाता है।

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