अस्पताल से छुट्टी के बाद कोरोना मरीजों के लिए 10 दिन बेहद अहम, जानिए

नई दिल्‍ली,VON NEWS: माना जाता है कि कोरोना पर जीत हासिल करने वालों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाती है और अगले कुछ महीनों तक उनके दोबारा संक्रमित होने का खतरा कम रहता है। लेकिन, अमेरिका में हुए एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अस्पताल से छुट्टी पाने वाले कोरोना पीड़ितों के लिए आगामी कम से कम 10 दिन बेहद अहम होते हैं। इस दौरान लापरवाही बरतने पर दोबारा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। यहां तक कि पीड़ित की जान भी जा सकती है। बुजुर्गों के लिए यह अवधि ज्यादा खतरनाक है।

अस्पताल लौटने की आशंका 60 फीसद ज्यादा

शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान पाया कि जो लोग कोरोना संक्रमण से ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं, 10 दिनों के भीतर उनके दोबारा भर्ती होने का खतरा 40-60% ज्यादा होता है। इनकी तुलना समान अवधि और उन्हीं अस्पताल में भर्ती दिल व न्यूमोनिया के गंभीर मरीजों से की गई।

60 दिनों बाद कम हो जाता है खतरा

जेएएमए पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि अस्पताल से छुट्टी के 60 दिनों बाद कोरोना मरीज के दोबारा भर्ती होने अथवा मौत का खतरा दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के मुकाबले कम हो जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि कोरोना से उबरने के बाद के दिनों में एहतियाती उपायों पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जाए।

अध्ययन में शामिल रहे 132 अस्पताल

शोध में करीब 2,200 उम्रदराज मरीज शामिल रहे, जिन्होंने 132 अस्पतालों में अपना इलाज करवाया था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उनकी अवस्था की उन्हीं की उम्र के न्यूमोनिया पीड़ित लगभग 1,800 व दिल के 3,500 मरीजों से तुलना की गई। न्यूमोनिया व दिल के मरीज भी उस दौरान उन्हीं अस्पतालों में भर्ती हुए थे।

नौ फीसद मरीजों की हुई मौत

रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद के पहले दो महीनों में नौ फीसद मरीजों की मौत हो गई, जबकि 20 फीसद को सदमे के कारण दोबारा अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। यह आंकड़ा अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले 18.5% मरीजों से इतर है।

उम्र का भी पड़ता है फर्क

शोधकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन में उम्र एक बड़े कारक के रूप में सामने आया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद के दो महीनों में मरने वालों में से करीब आधे की उम्र 70-80 वर्ष थी।

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