दून नगर निगम के हाउस टैक्स पर भी पड़ा कोरोना का असर, पढ़े पूरी खबर

देहरादून,VON NEWS: कोरोना का असर नगर निगम के हाउस टैक्स पर भी पड़ता नजर आ रहा है। हर साल अब तक जहां 25 करोड़ रुपये टैक्स जमा कर लिया जाता था, वह इस साल 16 करोड़ ही पहुंच सका है। इसकी वजह अप्रैल से मई तक टैक्स काउंटर बंद रहना भी माना जा रहा। जून से निगम की ओर से सीमित संख्या के साथ टैक्स की वसूली शुरू की गई थी। इस साल में निगम का लक्ष्य 75 करोड़ रुपये है जबकि बीते वित्तीय साल में निगम 50 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। ऐसे में महापौर सुनील उनियाल गामा द्वारा वार्डों में टैक्स की वसूली के लिए अभियान चलाने के आदेश दिए गए हैं।

मौजूदा व्यवस्था में निगम शहर के सौ वार्डों के करीब सवा लाख आवासीय और व्यावसायिक भवनों से हाउस टैक्स वसूली कर रहा है। हालांकि, भवनों की संख्या दो लाख के आसपास है, मगर निगम के पास अभी वही आंकड़ा है, जहां से पूर्व में टैक्स आ चुका है। जो नए भवन टैक्स जमा करा रहे, वे निगम में पंजीकृत होते जा रहे। इस बार निगम में नवंबर तक महज तीस हजार भवनों से ही टैक्स जमा हो पाया है, जबकि पिछले साल नवंबर में यह आंकड़ा लगभग 65 हजार भवनों के आसपास था।

महापौर ने टैक्स की कम वसूली पर चिंता जता इस पर कार्ययोजना बनाने के आदेश दिए हैं। महापौर ने बताया कि कोरोना की वजह से वार्डों में टैक्स वसूली के शिविर नहीं लगाए जा रहे। दरअसल, शिविर में बड़ी संख्या में लोग आ जाते हैं और ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन कराना संभव नहीं होगा। इसलिए महापौर ने टैक्स निरीक्षकों के जरिए घर-घर वसूली अभियान चलाने को कहा है।

नए वार्डों में 10 साल तक टैक्स माफ

शहर से सटी 72 ग्राम सभाओं को शहरी क्षेत्र में शामिल कर नगर निगम का हिस्सा बने 32 वार्डों में सरकार ने अगले दस साल तक आवासीय भवनों को टैक्स से छूट दी हुई है। हालांकि, यहां व्यावसायिक भवनों को छूट नहीं है। यहां व्यावसायिक भवनों से नगर निगम ने पिछले साल से टैक्स की वसूली शुरू की थी।

बस्तियों से नहीं मिला टैक्स

पिछले वित्त वर्ष में नगर निगम को मलिन बस्तियों से जहां डेढ़ करोड़ रुपये का टैक्स मिला था, वहां इस वर्ष एक रुपये भी टैक्स नहीं मिला है। शहर में 129 मलिन बस्तियों के 40 हजार भवनों पर निगम ने पिछले वर्ष ही टैक्स वसूली की शुरुआत की थी। नगर निगम में लगभग 10 हजार भवन स्वामियों ने टैक्स जमा कराया था। निगम ने बस्तियों में टैक्स वसूली के लिए एक मोबाइल एप भी बनाया हुआ है।

विधानसभा-सचिवालय भी बकायेदार

नगर निगम की ओर से पिछले साल विधानसभा, सचिवालय, पुलिस मुख्यालय समेत सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, केंद्रीय कार्यालयों समेत विधायक हास्टल पर भी टैक्स लगाया गया था। इसके लिए नोटिस भी भेजे गए, लेकिन अब तक किसी भवन से टैक्स नहीं मिला है। निगम अधिकारियों का कहना है कि अगर इनसे टैक्स आ जाए तो निगम को कम से कम 15 करोड़ रुपये की आय होगी।

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