उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के बीच ग्लेशियरों में जुटे वैज्ञानिक,पढ़े पूरी खबर

VON NEWS: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के बीच वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिक ग्लेशियरों में आए बदलाव का अध्ययन करने में जुट गए हैं। वैज्ञानिक गढ़वाल क्षेत्र की उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित गंगोत्री, चौराबाड़ी,  जोशीमठ से आगे दूनागिरी, उत्तरकाशी स्थित ढोकरियानी ग्लेशियर के साथ ही कुमाऊं में पिथौरागढ़ स्थित कासनी ग्लेशियर का अध्ययन कर रहे हैं।

वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी के वरिष्ठ जलविज्ञानी डॉ. संतोष कुमार राय के मुताबिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी ग्लेशियरों के लिए शुभ संकेत है।

बकौल डॉ. संतोष कुमार राय पर्यावरण में आए बदलाव के चलते जिस तरीके से ग्लेशियर साल दर साल तेजी से सिकुड़ रहे हैं, उसके लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी का होना बेहद जरूरी है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जितनी अधिक बर्फबारी होगी, ग्लेशियरों का दायरा उतना ही बढ़ेगा। इससे नदियों में अधिक पानी होगा, जो कृषि के दृष्टिकोण से बहुत लाभकारी है।
चक्रवात का असर पड़ने की संभावना

डॉ. संतोष कुमार राय के मुताबिक दक्षिण भारत में आए समुद्री तूफान निमार का भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी पर असर पड़ सकता है। यदि समुद्र में ऊंची लहरें उठती हैं और तेज हवाओं का दबाव बनता है तो हवाओं के साथ ही पानी की बूंदे शामिल हो जाएंगी, जो तेज बहाव के चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों तक भी पहुंच सकती हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में और अधिक बर्फबारी होने की संभावना है।

ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से हो रही मॉनिटरिंग

डॉ. संतोष कुमार राय ने बताया कि गढ़वाल और कुमाऊं के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से मॉनिटरिंग की जा रही है। संस्थान के विशेषज्ञों डाटा भी जुटा रहे हैं। जिसका बाद में परीक्षण करके ग्लेशियरों की सेहत के बारे में अहम जानकारियां जुटाई जाएगी।

 

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