आईपीएस मनीषा चौधरी, जो विवादों में घिरीं, पढ़े पूरी खबर
VON NEWS: भाजपा पार्षद मौत के मामले में घिरीं आईपीएस मनीषा चौधरी चंडीगढ़ की नई एसएसपी ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभालेंगी। खास बात यह है कि मनीषा चौधरी सिटी ब्यूटीफुल की पहली महिला एसएसपी ट्रैफिक एवं सिक्योरिटी होंगी। जानिए, क्या है इस आईपीएस से जुड़ा विवाद
दिवाली की रात पटाखे बेचने के मामले में पानीपत सिटी थाना पुलिस ने भाजपा के पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और उनकी बेटी पार्षद अंजली शर्मा समेत 10 लोगों पर केस दर्ज किया था। इसके बाद हरीश शर्मा ने पुलिस के दबाव से परेशान होकर दिल्ली पैरलल नहर में छलांग लगा दी थी। उनको बचाने के चक्कर में उनका एक दोस्त भी डूब गया था। हरीश शर्मा की पार्षद बेटी पार्षद अंजलि ने सीधे एसपी मनीषा चौधरी समेत अन्य पुलिसकर्मियों को पिता की मौत का जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया था।
मामला इतना बढ़ा कि हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने एक विशेष जांच कमेटी गठित कर दी। एडीजीपी संदीप खिरवार की अध्यक्षता वाली इस विशेष कमेटी में आईपीएस राहुल शर्मा और उदय सिंह मीणा शामिल थे। दो दिन पहले हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने मनीषा चौधरी को पदमुक्त कर दिया था। हरियाणा सरकार का कहना है कि पूर्व पार्षद की मौत मामले की जांच प्रभावित न हो, इसलिए मनीषा चौधरी को रिलीव किया गया है।
तीन आईपीएस में से चुनी गईं थी मनीषा
चंडीगढ़ में ट्रैफिक एसएसपी का पद हरियाणा कैडर के अधिकारी के लिए सुरक्षित रखा जाता है। इसके लिए हरियाणा से तीन आईपीएस अफसरों के नाम भेजे गए थे। इनमें पानीपत की एसपी मनीषा चौधरी के अलावा आईपीएस वीरेंद्र कुमार व आईपीएस सुरेंद्र पाल सिंह के नाम शामिल थे। करीब एक सप्ताह पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चंडीगढ़ में एसएसपी सिक्योरिटी और ट्रैफिक पद के लिए आईपीएस मनीषा चौधरी का चयन किया था।