सुभारती वालो ने धोखे से BDS कोर्स की अनुमति ली । भारत सरकार व कोर्ट में हुई शिकायत । निदेशालय ने लिखा हमने कोई NOC नहीं दी तो काउंसलिंग कैसी ?

सुभारती वालो ने धोखे से BDS कोर्स की अनुमति ली । भारत सरकार व कोर्ट में हुई शिकायत । निदेशालय ने लिखा हमने कोई NOC नहीं दी तो काउंसलिंग कैसी ?

देहरादून : पहले MBBS के 300 छात्रों की जिंदगी खराब कर चुके सुभारती ट्रस्ट वालो का नया फ्राड सामने आया है जिसमें उन्होंने पुनः फर्जीवाड़ा करके बिना राज्य सरकार की NOC व Essentially Certificate लिए सीधे डेंटल काउंसिल व भारत सरकार को गुमराह कर  नए डेंटल कॉलेज में BDS कोर्स की अनुमति ले ली जिस पर अब जांच के आदेश होने जा रहे है तथा सुभारती की शिकायत डेंटल काउंसिल व भारत सरकार को भेजी गई है तथा असली मालिको ने हाई कोर्ट में याचिका भी डाल दी है वहीं राज्य सरकार के निदेशक चिकित्सा शिक्षा ने शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि सुभारती ट्रस्ट द्वारा न ही कोई BDS कोर्स के संबंध में आवेदन किया और न उन्हें कोई NOC और Essentiality Certifcate जारी किया गया है ।  
वहीं सुभारती वालो के भारत सरकार से जब अनुमति संबंधी द दस्तावेज RTI में निकाले गए तो पता चला कि सुभारती वालो ने DCI को यहां 2016 से चलता हुआ मेडिकल कॉलेज दिखा कर अनुमति हासिल की है जो एक और सबसे बड़ा फ्राड दिखता है । देखे कागज :-
वहीं अपनी ही फर्जी रास बिहारी बोस यूनिवर्सिटी ( जिसकी निरस्त होने की याचिका नैनीताल हाई कोर्ट में लगीं है )का यूनिवर्सिटी affiliation दिखा दिया गया है 
आपको बता दे जी गत वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने हलफनामा दिया था कि सुभारती वाले इस संपति,भूमि भवन के मालिक नहीं है और सुभारती ने इस सम्पत्ति के मालिको के पूर्व बैंक लोन का भुगतान नहीं किया है व सुभारती के द्वारा दिए चैक बाउंस हो गए है व दोनों पक्षों का विवाद न्यायालयों में स्वामित्व को लेकर चल रहा है इसलिए MCI व DCI मानकों के अनुसार विवादित संपति पर कोई अनुमति नहीं दी जा सकती । इस प्रकरण में समय से कारवाही न करने पर राज्य सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी और बाद में सारे MBBS के छात्रों को राज्य सरकार को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करना पड़ा था और सरकार पर अनावश्यक अरबो रुपए के खर्चे का दबाव बना ।
बाद में राज्य सरकार ने सुभारती पर 97 करोड़ का जुर्माना लगाया है पर अब फिर एक बार सुभारती वाले नया फ्राड कर आए है ।
वहीं अब सुभारती वालो ने नया फ्राड कर दिया है जिसमें बिना राज्य सरकार की NOC व Essentially Certificate लिए DCI व स्वास्थ्य मंत्रालय को गुमराह कर व सभी तथ्य छिपाकर BDS की अनुमति ले आए है पर निदेशालय ने सभी धोखा धड़ी के तथ्य शासन को बता दिए है ।

 

 राज्य सरकार द्वारा NOC व Essentially Certificate न दिए जाने की बात और इस तथ्य से भी पुख्ता हो जाती है जबकि ऊपर प्रकाशित पत्र में राज्य के चिकित्सा शिक्षा सचिव खुद यह पूछ रहे हो कि आपके द्वारा क्या क्या दस्तावेज अनुमति हेतु लगाए उसकी प्रति उपलब्ध करवाए । वहीं भारत सरकार ने भी निदेशालय से इस विषय और राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे पर पूरी रिपोर्ट मांग ली है
वहीं एक तरफ सुभारती वाले काउसलिग करवाने लिए सरकार को पत्र दे रहे है तो दूसरी तरफ आज नैनीताल हाई कोर्ट में भी सरकार के खिलाफ याचिका लगाए बैठे है और ठीक ऐसा ही इन्होंने MBBS के समय भी किया था जिसमें छात्रों का भविष्य व उनके बहुमूल्य  वर्ष खराब हुए  और ठीक अब ऐसा हीं फिर हो सकता है यदि  राज्य सरकार ने सुभारती पर कड़ी कार्यवाही नहीं की और न्यायालय को सही तथ्यों से अवगत नहीं करवाया ।
बरहाल मामला मुख्यमंत्री के दरबार में है और देखना है कि यशस्वी व जीरो टॉलरेंस पर सख्त मुख्यमंत्री इस बिना राज्य सरकार की NOC/ESSENTIALITY CERTIFICATE व सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से तत्कालीन सचिव नितेश झा ,राधा रतूड़ी एवं महाधिवक्ता जे के सेठी व जे के भाटिया द्वारा दिए गए हलफनामे के क्रम में  इस पर क्या आदेश करते है ।
सवाल यह है कि सुभारती वाले बार बार फ्राड पर फ्राड किए जा रहे है और सरकार इनके खिलाफ कोई करवाही क्यों नहीं कर रही है ?

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