हिमालय पर्वत में लॉकडाउन से कम हुआ 20-25 फीसद प्रदूषण,पढ़े पूरी खबर

नई दिल्‍ली,VON NEWS: अप्रैल में जब भारत में लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा था, तब ऐसी बातें चर्चा में थीं कि जालंधर व सहारनपुर से भी हिमालय पर्वतमालाएं दिखाई देने लगी हैं। नासा के अध्ययन में पता चला है कि फरवरी के बाद से लॉकडाउन रहने तक वैश्विक तौर पर वायुमंडल में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में 20-25 फीसद तक गिरावट आई।

अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वायु प्रदूषण से संबंधित अध्ययन के लिए कंप्यूटर आधारित मॉड्यूल तैयार किया। यह इस बात पर आधारित था कि अगर कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लागू नहीं होता तो उन महीनों में वायुमंडल कैसा होता। अध्ययन के नेतृत्वकर्ता व नासा के यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन (यूएसआरए) से जुड़े विशेषज्ञ क्रिस्टोफर केल्लर कहते हैं, ‘हमें पता था कि लॉकडाउन से हवा की गुणवत्ता बेहतर होगी।

मौजूदा वायुमंडलीय स्थितियों से वर्ष 2019 व 2018 की स्थितियों की तुलना ठीक नहीं होती, क्योंकि मामूली अंतर भी प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय परिवर्तन ला देता है। इसलिए विशेषज्ञों ने विशेष मॉड्यूल तैयार किया। इसका मशीनी विश्लेषण नासा सेंटर फॉर क्लाइमेट सिमुलेशन में किया गया। परिणाम चौंकाने वाला रहा। कई देश पिछले दशकों से स्वच्छ वायु नियम के तहत नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर को कम करने का सराहनीय प्रयास कर रहे हैं, लेकिन परिणाम बताते हैं कि अब भी मानवजनित कारणों से वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है।’

वुहान पर रही खास नजर

नासा ने चीन के वुहान को भी अध्ययन के केंद्र में रखा। वहां कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद सख्त लॉकडाउन लागू किया गया। वुहान में सबसे पहले वायुमंडल में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में कमी पाई गई। वहां नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मौजूदगी अपेक्षा से 60 फीसद तक कम हुई। इसी प्रकार दूसरे सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित इटली के लोमाबार्डी स्थित मिलान में भी नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 60 फीसद कम रहा। अमेरिका के न्यूयॉर्क में प्रदूषण के स्तर में 45 फीसद गिरावट आई।

भारत में 24-50 फीसद कम हुआ प्रदूषण

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, भारत में पिछले साल के मुकाबले इस साल मार्च की शुरुआत में प्रदूषण में 24 फीसद की गिरावट आई। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद प्रदूषण करीब 50 फीसद कम हुआ।

एक नजर में

  • 46 देशों से शोधकर्ताओं ने आंकड़े इकट्ठे किए।
  • 5,756 जगहों की भौतिक निगरानी की गई। इन जगहों पर वायुमंडलीय स्थितियों का हर घंटे आंकड़ा जुटाया गया।
  • 61 में से 50 शहरों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 20-25 फीसद कम हुई।

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