जल्द दाैड़गी कपूरथला में बनी देश की पहली हाईस्पीड डबल डेकर ट्रेन,पढ़िए पूरी खबर
कपूरथला,VON NEWS: देश की पहली हाई स्पीड ‘तेजस’ ट्रेन का निर्माण करने वाली कपूरथला की रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ) ने अब देश का पहला हाई स्पीड डबल डेकर कोच भी तैयार किया है। यह हाई स्पीड डबल डेकर ट्रेन में पटरी पर सरपअ दौड़ने को तैयार है। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ पाने में सक्षम इस ट्रेन के हर कोच में 120 सीटें हैं।
लेगरूम व सुरक्षा का रखा गया है विशेष ध्यान, आरसीएफ कपूरथला ने तैयार किया कोच
आरामदायक यात्रा के लिए कोचों में अनुकूलित चौड़ा गलियारा, अंदरुनी खूबसूरती, एंटी स्मोकिंग व फायर सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वाई-फाई व पर्याप्त लेगरूम इस ट्रेन को अन्य ट्रेनों से अलग बनाता है। खिड़कियों के साथ मोबाइल व लैपटाप चार्जिग प्वाइंट के साथ जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली का प्रबंध भी इसमें किया गया है।
अगला स्टेशन कितनी दूर है, अभी कहां पर हैं और गंतव्य तक पहुंचने में कितना समय लगेगा, ट्रेन की स्पीड इत्यादि की जानकारी के लिए स्क्रीन लगाई गई है। आरसीएफ ने इसे ‘सेमी हाई स्पीड डबल डेकर कोच’ का नाम दिया है जिसे विशेष रूप से व्यस्तम रूट के लिए बनाया गया है। इस कोच में ऊपरी डेक में 50 और निचले डेक में 48 सीटें हैं। मध्य में 16 और छह सीटें लगाई गई हैं। 3 गुणा 2 फार्मेट का पर्याप्त लेगरूम दिया गया है जिसे 60 डिग्री तक पीछे भी किया जा सकेगा।
व्यस्तम रूट के लिए बनाया गया ताकि यात्रियों को सीटों का इंतजार न करना पड़े
डबल डेकर होने के बावजूद सामान रखने के लिए खुला ओवरहेड रैक भी कोच में है। यात्री प्रवेश के लिए स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे व प्रत्येक कोच में मिनी पेंट्री की व्यवस्था है। कोच में 160 केएन के एयर स्प्रिंग्स के साथ फीयट बोगी के रूप में अत्याधुनिक सस्पेंशन सिस्टम है जो सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करता है।
डबल डेकर कोच बनाने वाली एकमात्र उत्पादन इकाई
भारतीय रेलवे में डबल डेकर कोच के उत्पादन के लिए आरसीएफ पहली और एकमात्र उत्पादन इकाई है। पहले इसने पारंपरिक प्लेटफार्म पर नान-एसी डबल डेकर का निर्माण किया था। मार्च 2010 में 130 किमी प्रति घंटे की क्षमता वाले एसी डबल डेकर का निर्माण भी कर चुका है। इसके बाद मार्च 2019 में अतिरिक्त सुविधाओं के साथ उदय डबल डेकर कोचों को तैयार किया गया। 160 किमी प्रति घंटा की गति क्षमता वाला डबल डेकर कोच बुधवार को रवाना किया गया। कोच को आगे के परीक्षणों के लिए अनुसंधान एवं डिजाइन मानक संगठन (आरडीएस लखनऊ) भेजा जाएगा।
आरसीएफ के महाप्रंबधक रवींद्र गुप्ता का कहना है कि कोविड संकट के बीच जहां पूरी दुनिया में औद्योगिक विकास में तेजी से गिरावट देखी जा रही है , वहीं आरसीएफ ने अपने कोच उत्पादन में तेजी से विकास किया है। यह आरसीएफ की जनशक्ति की दृढ़ता और समर्पण के कारण संभव हो सका है। आरसीएफ ने लॉक डाउन के बीच 23 अप्रैल 2020 से दोबारा काम शुरू होने पर पोस्ट कोविड कोच ,पार्सल कोचों का हल्का संस्करण के अलावा अन्य बहुत तरह के डिब्बों का निर्माण किया है।
जीएम गुप्ता ने बताया सुरक्षित यात्रा के लिए सीसीटीवी कैमरे और फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम भी स्थापित किया गया है उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे में डबल डेकर कोचों के उत्पादन के लिए आरसीएफ पहली और एकमात्र उत्पादन इकाई है। प्रारंभ में आरसीएफ ने पारंपरिक प्लेटफॉर्म पर नॉन-एसी डबल डेकर का निर्माण किया और मार्च 2010 में 130 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता वाला पहला एसी डबल डेकर का निर्माण किया था ।
” बदलते परिदृश्य में भारतीय रेलवे में पटरियों और सिग्नल प्रणाली के तेजी से अपग्रेड होने के साथ उच्च गति और ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता वाले कोचों का निर्माण आवश्यक हो गया है। इन जरूरतों के मद्देनजर ही 160 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ने में सक्षम यह कोच तैयार किया गया।