ट्रेनों में अकेली महिला यात्रियों के लिए मेरी सहेली नाम की सुरक्षा टीम बनाई!
गोरखपुर,VON NEWS: दीपावली और छठ पर्व में अकेले रेल यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है। परिजनों को भी अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल ने मेरी सहेली नाम की सुरक्षा टीम बनाई है। जो गोरखपुर से बनकर चलने वाली गोरखधाम, कोचीन और कुशीनगर सहित सभी व इस रूट से होकर गुजरने वाली प्रमुख ट्रेनों में अकेली चलने वाली महिला यात्रियों से संपर्क कर रही हैं। टीम सिर्फ यात्रियों से संपर्क ही नहीं कर रहीं बल्कि सुरक्षा का भरोसा भी दिला रही हैं। साथ सुरक्षा से संबंधित हेल्प्लाइन नंबर 182 का कार्ड भी उपलब्ध करा रही हैं। ताकि, आवश्यकता पड़ने पर यात्री कार्ड पर लिखे नंबर का उपयोग कर सके। मेरी सहेली की सुरक्षा का चक्र महिला यात्रियों के गंतव्य तक चल रहा है। दरअसल, विषम परिस्थिति में भी यात्री हेल्पलाइन नंबर भूल जाती हैं और सुरक्षा की गुहार नहीं लगा पाती।
ट्रेन में महिला से मिलकर सौंप रही सुरक्षा कार्ड, यात्री के साथ चल रहा सुरक्षा चक्र
रेलवे सुरक्षा बल सहायक सुरक्षा आयुक्त रवि शंकर सिंह बताते हैं कि गोरखपुर में मेरी सहेली की तीन टीम महिलाओं की सुरक्षा में मुस्तैद हैं। टीम में दो महिला कांस्टेबिल व एक सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। टीम यात्रियों को सुरक्षा का भरोसा तो दे ही रही हैं, उनसे फीडबैक भी ले रही हैं।
मेरी सहेली की टीम छठ पर्व तक महिला यात्रियों की निगरानी करेगी। इस टीम का गठन दशहरा में ही किया गया था। पूजा स्पेशल ट्रेनों के चलने के बाद टीम की जिम्मेदारी बढ़ गई है। सामान्य स्पेशल के अलावा पूजा स्पेशल ट्रेनों में भी इनकी ड्यूटी लगाई जा रही है।
ट्रेन में अकेली महिला यात्री को खोज लेती है मेरी सहेली
मेरी सहेली की टीम ट्रेन में अकेली चल रही महिला यात्री को खोज लेती है। सुरक्षा से संबंधित कार्ड सौंपने और भरोसा दिलाने के बाद टीम महिला के बारे में स्कोर्ट दल को भी जानकारी देती है। स्कोर्ट दल ट्रेन के दूसरे जोन में पहुंचते ही महिला की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर या पूर्व मध्य रेलवे को सौंप देती है। ऐसे में महिला के गंतव्य पर पहुंचने तक सुरक्षा का चक्र उसके साथ चलता रहता है। सहायक सुरक्षा आयुक्त बताते हैं कि इसका परिणाम बेहतर मिल रहा है। अभी तक एक भी महिला के साथ किसी भी प्रकार का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। परिजनों के मैसेज मनोबल जरूर बढ़ा रहे हैं।