प्रदेश में अस्थिरता फैलाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका!

देहरादून,VON NEWS: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाई कोर्ट का फैसला चौंकाने वाला सरकार अस्थिर करने वालो को करारा झटका झारखंड मामले में झूठी अफवाह फैला कर सरकार अस्थिर करनेका परदा फाश हो गया है

आपको बता दे कि 5 साल पुराने ऐसे मामले में जो उत्तराखंड में घटित नहीं हुआ उसके बूते कैसे उत्तराखंड में सियासी अस्थिरता फैलाने की कोशिशें हो रही हैं। उस समय त्रिवेंद्र भाजपा के झारखण्ड प्रभारी थे। सवाल यह है कि जब तक त्रिवेन्द्र मुख्यमंत्री नहीं थे तो तब तक ये मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया। तब उनके खिलाफ झारखंड या उत्तराखंड में मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया। उस वक़्त तो वे सीएम नहीं थे, आसानी से उन पर कार्रवाई हो सकती थी।

ऐसा इसलिये नहीं किया गया क्योंकि त्रिवेन्द्र के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाना असल मकसद है। उत्तराखंड की कमान फिर से भ्रष्टाचारियों को सौंपना इनका उद्देश्य है। इस पॉवर गेम में उत्तराखंड सुर्खियों में है। राज्य की छवि दांव पर है। जनता के मुद्दे हाशिये पर है। विकास की गति प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है । सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से सत्य की विजय हुई है

एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल– सीएम के याचिकाकर्ता ने बताया उत्तराखंड हाईकोर्ट के सिंगल जज ने बिना सीएम को सुने उनके खिलाफ जांच का आदेश दे दिया। मामले में ऐसी कोई मांग भी नहीं थी। अब सीएम के इस्तीफे की मांग हो रही है।
एटॉर्नी जनरल- यह स्थापित व्यवस्था है और कई पुराने फैसले भी हैं कि बिना किसी को सुने उसके खिलाफ जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट को समझना चाहिए था कि यह आदेश सरकार को अस्थिर करने वाला हो सकता है। हाईकोर्ट का आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के भी विरुद्ध है।

Court Order- “ऐसा आदेश कैसे पारित हो सकता है? मुख्यमंत्री मामले में पक्ष ही नहीं थे। उनके खिलाफ जांच की कोई मांग भी नहीं थी। यह हैरान करने वाला आदेश है। सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाती है। सभी पक्षों को नोटिस। 4 हफ्ते में जवाब दें”….

Justice MR Shah: HC has excercised suo motu powers under Article 226 when there was no issue raised by you.

Justice Bhushan: The CM was not a party and such a drastic order has been passed

Justice Shah: Everyone was just taken by surprise

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