चायल के पुष्‍प उत्‍पादक ने इस तकरीब से की दोगुनी कमाई, पढ़िए पूरी खबर

सोलन,VON NEWS: हौसले और आत्मविश्वास का अगर सही इस्तेमाल किया जाए तो सफलता की सीढ़ी चढ़ना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। लाकडाउन की स्थिति में भी हौसला नहीं हारने वाले आज जीत का जश्न मना रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के चायल पर्यटन नगरी में स्थित बांझणी पंचायत के युवा रवि शर्मा ने पेश किया है। यहां चायल नगरी पुष्प उत्पादन केंद्र के नाम से भी जानी जाती हैं। यहां काफी पुष्प उत्पादक हैं और कई टन पुष्प उत्पादन कर देश के अलग-अलग हिस्सों में बेचा जाता है। लाकडाउन में युवा रवि शर्मा ने फूलों की खेती को त्यागने के स्थान पर इसमें और निवेश करते हुए अपने कारोबार को संभाले रखने की सोच रखी थी। यही सोच आज फलीभूत भी हो रही है।

रवि शर्मा ने बताया जब उनकी फूलों की फसल तैयार हुई तो अचानक से देश में तालाबंदी की स्थिति आ गई। ऐसे में उन्हें कई टन तैयार फूलों को तोड़कर गाय भैंसों को खिलाना पड़ा। उनकी आंखों के सामने उनकी कई महीनों की मेहनत पर पानी फिर रहा था। इस बीच क्षेत्र के कई पुष्प उत्पादक जिन्होंने अभी इसे शुरू ही किया था, उन्‍होंने इस खेती से मुंह फेर लिया। हालांकि उन्हें देखकर उनके मन में कई विचार पैदा हुए। लेकिन उन्हें इसी व्यापार को संभाले रखने

रवि ने बताया पूरा देश जब लाकडाउन में था, उस समय में मैंने फूलों के बीज विक्रेता से संपर्क किया। बीज विक्रेता से पता लगाया कि किस वैरायटी के बीज सबसे कम बिके हैं। उन्होंने बताया इस वर्ष ब्रैसिका केल प्रजाति के पौधे गत वर्ष की तुलना में केवल 20 फीसद ही बिके हैं, जबकि मार्किट में इसकी अच्छी मांग और कीमत होती है। इसके बाद रवि शर्मा ने 28 हजार बीज इस वैरायटी के मंगवाए और कई स्‍क्‍वायर मीटर जगह में इसका उत्पादन शुरू कर दिया।

यह फसल सर्दियों में तैयार होती है और इन दिनों इसके तैयार होने का इंतजार हो रहा है। इसके लिए उन्होंने लगभग पांच लाख रुपये का निवेश किया था। रवि शर्मा ने बताया वैसे तो यह फूल 15 रुपये तक प्रति स्टिक बिकता है, लेकिन इस बार यह 50 रुपये स्टिक तक पहुंचने की उम्मीद है। पूरे देश में इसका उत्पादन नहीं हुआ है, जबकि मांग पूरे देश से आने वाली है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस फूल के उत्पादन से उनकी ठीक भरपाई हो जाएगी।

150 पुष्‍प उत्‍पादक कर रहे आर्थिकी सुदृढ़

उद्यान विभाग सोलन के उपनिदेशक राजेंद्र शर्मा ने बताया जिला में करीब 150 पुष्‍प उत्पादक हैं, जिनके साथ 300 से अधिक लोग अपरोक्ष रूप से जुड़े हैं। जिला में फूलों की खेती से करीब दो करोड़ से अधिक का कारोबार हर वर्ष किया जाता है। एक लाख स्‍क्‍वायर मीटर क्षेत्र में फूलों की खेती की जाती है।

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